गुरुवार, 24 दिसंबर 2015

जयपुर।पार्टी में दागियों को नहीं रहने दूंगा-तिवाडी



जयपुर।पार्टी में दागियों को नहीं रहने दूंगा-तिवाडी


राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाडी ने कहा है कि पार्टी में मैं असंतुष्ट नहीं हूं तथा अपने राजनीतिक जीवन पर कोई दाग नहीं लगने दूंगा लेकिन पार्टी में दागियों को भी नहीं रहने दूंगा। तिवाडी आज यहां पंड़ित दीनदयाल स्मृति संस्थान के प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विधायक एवं सांसद की जीत को क्षेत्र में पांच साल तक लूटपाट करने का लाईसेंस नहीं समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेता कहते हैं कि मेरे क्षेत्र में मेरी सिफारिश के बिना कार्य नहीं हो सकता और इस क्षेत्र में मेरा राज है।लेकिन वह ये भूल जाते हैं कि लोकतंत्र में जनता मालिक होती है और मालिकों पर राज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को सुधारने के लिए जनता इंतजार कर रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय ,पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत की सोच से चलने वाली पार्टी है और इस विचारधारा से अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के विकास एवं भले के लिए कार्य किए जाते है और शेखावत ने प्रदेश में अंत्योदय योजना लागू की जबकि वाजपेयी ने ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाया। उन्होंने कहा कि अब पार्टी में अंत्योदय की जगह अपनोदय एवं उपरोदय के सिद्धांत लागू किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में नदियों को जोडऩे का कार्य उन लोगों को सौंपा गया है जिनको यही नहीं पता कि कौनसी नदी कहां से कहां तक बहती है। इसी प्रकार कला एवं संस्कृति बोर्ड का गठन किया गया है जिसके ग्यारह सदस्यों में से एक भी राजस्थान की कला एवं संस्कृति से जुडा हुआ व्यक्ति नहीं है।

तिवाडी ने कहा कि राजनेता एवं कार्यकर्ताओं के बीच कृष्ण एवं सुदामा जैसे रिश्ते होने चाहिए और पार्टी में कार्यकर्ता का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने दो अक्टूबर को सांगानेर कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर में हुए हमले पर कहा कि मैंने इसको भी सकारात्मक सोच रखते हुए माफ कर दिया था और इस मामले में कार्यवाही करने के लिए रिपोर्ट उन्हीं लोगों को दी गई जो हमला करवाने में शामिल थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कार्यकर्ताओं का स्वाभिमान बचाने के लिए ये कदम उठाए गये हैं । लेकिन कुछ लोग भय के कारण सामने आने से कतरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान ,बलिदान एवं स्वाभिमान का प्रतीक रहा है और प्रदेश को चारागाह एवं सैरगाह नहीं बनने देंगे ।उन्होंने कहा कि संस्थान राज्य में सामाजिक न्याय एवं समरसता के लिए कार्य करेगा तथा गरीबों के लिए भी आरक्षण देने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का सामाजिक , आर्थिक एवं राजनीतिक विकास होना चाहिए और इसके लिए गरीबों को आरक्षण देना आवश्यक हो गया है जिससे समाज में समरसता बढेगी। उन्होंने सम्मेलन में अधिक प्रतिनिधि शामिल होने पर व्यवस्थाओं को लेकर क्षमा मांगी और कहा कि संस्थान का अगला कार्यक्रम बिड़ला सभागार की बजाये अमरुदों के बाग में किया जायेगा।

उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि उठो और चुनौती को स्वीकार करे आज तुम्हारी बारी है। इस अवसर पर उन्होंने पीढियों से पार्टी को सीचने वाले नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को याद करते हुए कहा कि ये उन्हीं की तपस्या है जिसके बलबूते यह संगठन यहां तक पहुंचा है और ऐसे नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान होना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि पंड़ति दीन दयाल उपाध्याय के शताब्दी वर्ष होने के नाते वह प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में जायेंगे तथा उनके विचारों और आदर्शो का प्रचार प्रसार करेंगे।

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