लोकसभा में गूंजा षिक्षण व्यवस्था का मुद्दा
सांसद पटेल ने विद्यालयो में बुनियादी सुविधाए उपलब्ध करवाने की रखी मांग
नई दिल्ली, 11 दिसम्बर, 2015 शुक्रवार।
जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने शुक्रवार को लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान क्षेत्र में विद्यालयो में शिक्षकों के रिक्त पद भरने एवं सभी विद्यालयों में बालक-बालिकाओं के लिए पृथक शौचालय, पेयजल, खेल मैदान, पुस्तकालय कम्प्यूटर और इंटरनेट जैसी मुलभुत सुविधाए उपलब्ध करवाने का मुद्दा उठाया।
सांसद पटेल ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जूबिन इरानी से प्रश्न किया कि सरकार ने राजस्थान सहित देश भर में शिक्षा के अधिकार के अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात को 30ः1 करने का कोई लक्ष्य निर्धारित किया हैं। तथा क्या सरकार को इस सच का संज्ञान है कि देश में केन्द्रीय विद्यालयों सहित विद्यालयों में उक्त अनुपात में कमी आई हैं और यदि हां तो सरकार द्वारा की गई कार्रवाई/की जाने वाली कार्रवाई का ब्यौरा क्या हैं, और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार कितनी निधिया आवंटित की गई और कितने शिक्षकों की नियुक्ति हुई हैं। यदि नही ंतो इसके क्या कारण हैं। क्या जालोर एवं सिरोही सहित राजस्थान के सभी विद्यालयों में बालक-बालिकाओं के लिए पृथक शौचालयों, पेयजल, खेल के मैदान, पुस्ताकालय, कंप्यूटर और इन्टरनेट जैसी आधारभूत सुविधाओं को प्रदान करने हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है। और यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या हैं।
सांसद पटेल के प्रश्न का उतर देते हुए संसाधन विकास मंत्री स्मृति जूबिन इरानी ने बताया कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 में राजस्थान सहित पूरे देश के लिए छात्र-अध्यापक अनुपात के मानक और मानदण्डों का प्रावधान किया गया हैं। इसकी अनुसूचि के अनुसार 60 छात्रो तक कक्षा 1 से कक्षा 5 के लिए दो अध्यापक; 60 से 90 छात्रों के लिए 3 अध्यापक; 90 से 120 छात्रो के लिए 4 अध्यापक; 121 से 200 छा़त्रों के लिए 5 अध्यापक; 150 अधिक छा़त्रों के लिए 5 अध्यापक तथा एक प्रधान अध्यापक उपलब्ध कराए जाने हैं और 200 से अधिक छात्रों के लिए छात्र अध्यापक अनुपात (प्रधान अध्यापक को छोड़कर) चालीस से अधिक नहीं होंना चाहिए।
उन्हाने बताया कि अभी तक सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत स्वीकृत 5165738 पदों मे से अध्यापकों के 4331746 पद भर दिए गए हैं और 833992 पद रिक्त हैं। कुल मिलाकर, देश में 35.61 प्रतिशत स्कूल ऐसे हैं जहां पीटीआर अनुकूल नहीं हैं और 9.73 प्रतिशत स्कूल एकल अध्यापक वाले हैं। वर्ष 2013-14 में सभी स्कूलो के मामले में छात्र-अध्यापक अनुपात (पीटीआर) 26ः1, सरकारी स्कूलों के मामले में 26ः1 और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलो में 23ः1 है। एसएसए के तहत अध्यापकों की नियुक्ति और निधिया के आंवटन राजस्थान राज्य में सस्वीकृत पद राज्य द्वारा 156392 एसएसए के अन्तर्गत 122024 कुल 278416 व कार्यरत राज्य द्वारा 155540 एसएसए के अन्तर्गत 98677 कुल 254217 रिक्त पद राज्य द्वारा 852 एसएसए के अन्तर्गत 23347 कुल 24199 हैं। तथा वर्ष 2015-16 के द्वौरान एसएसए के अंतर्गत विभाग द्वारा राजस्थान राज्य को जारी निधि 125653.40 लाख रूपये हैं। राज्य क्षैत्र की सरकारों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे यह सुनिश्चित करे कि पीटीआर मानको के अनुरक्षण के लिए अध्यापको की तैनाती/पुनः तैनाती को युक्तिसंगत बनाया जाए और अध्यपको की भर्ती में ग्रामीण-शहरी संतुलन रखा जाए। केन्द्रीय विद्यालय के तहत दि. 01.04.2015 को समग्र पीटीआर 26ः1 हैं।
संसाधन विकास मंत्री ईरानी ने बताया कि आरटीई अधिनियम की धारा 25(1) में कहा गया है कि इस अधिनियम के लागू होने के छः माह के अन्दर, समुचित सरकार और स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करेंगे के प्रत्येक स्कूल में अनुसूचि में यथा निर्धारित छात्र-अध्यापक अनुपात को बनाए रखा जाए। अन्य सभी बुनियादी सुविधाओं मामले में, स्कूलो को अधिनियम में निर्धारित मानकों और मानदण्डो को मार्च, 2015 तक पुरा करना था। प्रत्येक स्कूल में बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय उपलब्ध कराने की स्वच्छ विद्यालय पहल के तहत 15.08.2014 से 15.08.2015 की अवधि के दौरान राजस्थान राज्य के 6666 स्कूलो में 12083 शौचालय सहित 261400 सरकारी प्रारंम्भिक और माध्यमिक स्कूलों में 417796 शौचालय बनाए गये थें। तथा जालोर एवं सिरोही के सरकारी स्कूलो का ब्यौरा यूडीआईएसई 2013-14 के अनुसार आरटीई के अनुरूप सुविधाओं वाले सरकारी स्कूलो का प्रतिशत बालिका शौचालय जालोर 100.00, सिरोही 100.00 बालक शौचालय जालोर 100, सिरोही 100, पेयजल जालोर 94.63 सिरोही 94.38, खेल मैदान जालोर 42.02, सिरोही 31.37 पुस्तकालय जालोर 56.59 सिरोही 52.64 कम्प्युटर जालोर 12.63 सिरोही 26.19 प्रतिशत हैं तथा स्वच्छ विद्यालय पहल, 2015 संपन्न हाने पर 100 प्रतिशत शौचालय होंगे।
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