शुक्रवार, 18 दिसंबर 2015

बाड़मेर । भाषण देना भी एक कला है :- पुरोहित

बाड़मेर । भाषण देना भी एक कला है :- पुरोहित

बाड़मेर । भाषण देना भी एक कला है तथा नेहरू युवा केन्द्र के राष्ट्रीय युवा कोर स्वंय सेवक को भाषण कला में भी निपुण होना चाहिए । भाषण देने से पूर्व भाषण के विषय से सम्बधित पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए,अपने श्रौताओ को जान ले,अपने भाषण को समझ ले,भाषण लम्बा और बोरियत पूर्ण न हो इसी के साथ भाषण देते समय वक्ता की दर्शको से आंख मिला कर बोले । यह बात स्वंय सेवको को नेहरू युवा केन्द्र के राजेन्द्र पुरोहित ने राष्ट्रीय युवा कोर स्वंय सेवक प्रशिक्षण के दौरान समझायी ।

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पुरोहित ने कहा कि मंच पर जाने पर कई बार घबराहट होती है लेकिन आप दर्शको की ओर देखकर मुस्कराये और उन्हे यह मालूम न होने दे कि आप कही भयभीत है।

पुरोहित ने युवाओ से राष्ट्रीय मूल्यो पर चर्चा करते हुए भारतीय संविधान के ध्येय व उदेश्यो के बारे कहा कि हमारा संविधान न्याय,सवतत्रता एव समानता प्राप्त करने तथा व्यक्ति की गरिमा एवं राष्ट्रीय की एकता व अखंडता की बात करता है।

समूह चर्चा में नागरिको के अधिकार एवं कर्तव्य पर चर्चा की गई जिसमें एन0वाई0सी0 धनपत सिंह ,तगाराम ,मनोज, जुझार ंिसह ने मौलिक अधिकारो व कर्तव्यो पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। प्रार्थना सभा में काभल खा,भरत व चनणी ने हिन्द देश के निवासी गीत प्रस्तुती के साथ अन्य चेतना गीतो का अभ्यास कराया।

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