शुक्रवार, 18 दिसंबर 2015

जयपुर।दूसरों की पीड़ा देखी तो मकान बेच बना डाला अस्पताल, अब उद्घाटन के लिए सरकार का इंतजार

जयपुर।दूसरों की पीड़ा देखी तो मकान बेच बना डाला अस्पताल, अब उद्घाटन के लिए सरकार का इंतजार


जयपुर। गांव की एक गर्भवती महिला की पीड़ा देख उसने मन ही मन ठान लिया कि गांव की दूसरी महिलाएं उपचार के अभाव में पीड़ा नहीं सहेंगी। इसके लिए गांव में ही एक अस्पताल बनवाऊंगा, इसी प्रण को पूरा करने के लिए उसने हाड़ तोड़ मेहनत कर कमाई गयी जमा पूंजी से बनवाए गए सपनों के मकान को बेच दिया और गांव में अस्पताल बनवा डाला। ये कहानी है ग्राम लुहकना खुर्द निवासी भामाशाह हनुमान सहाय अग्रवाल की। लेकिन हनुमान का यह सपना मुख्यमंत्री से उद्घाटन के इंतजार में अधूरा है।

a-man-changes-his-house-into-hospital-for-social-service-in-shahpura-jaipur-23145

जानकारी के अनुसार करीब पांच साल पहले शाहपुरा के लुहाकना गांव की एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर उसे गांव से दूर अस्पताल ले जाया रहा था। महिला की असहनीय पीड़ा देख हनुमान सहाय ने ठान लिया कि वे गांव में ही एक अस्पताल बनवाएंगे ताकी गांव की अन्य महिलाओं को तुरंत समय पर उपचार मिल सके। अस्पताल को बनवाने के लिए उसने शाहपुरा की पॉश कॉलोनी में बने अपने मकान को बेच दिया तथा खुद किराये से रहने लगा। 2014 में चिकित्सा विभाग से अनुमति मिलने के बाद 20 मई 2015 को भवन बनकर तैयार हो गया। इस भवन में अलग-अलग महिला, पुरुष वार्ड और आॅपरेशन कक्ष समेत कुल 27 कमरे हैं। इसके अलावा डॉक्टरों के रहने के लिए परिसर में ही अलग से क्वार्टर भी बनवाए हैं। अब गांव के लोगों को इसका इंतजार है कि मुख्यमंत्री यहां आकर इस अस्पताल का उद्घाटन करे और आमजन को चिकित्सीय लाभ मिल सके। इसके लिए वे कई बार विभाग और सीएम ऑफिस के चक्कर काट चुके हैं।



स्थानीय लोगों का कहना है कि हनुमान सहाय का यह प्रयास एक प्रेरणादायी उदहारण है। अब सरकार को भी शीघ्रता से इसका उद्घाटन कर जनता को सुविधा मुहैया करवानी चाहिए।

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