गुरुवार, 31 दिसंबर 2015

बाड़मेर। माता पिता की सेवा ही श्रेष्ठ है -लक्ष्मण दास

बाड़मेर। माता पिता की सेवा ही श्रेष्ठ है -लक्ष्मण दास 




बाड़मेर। गोलेच्छा ग्राउण्ड शिव पुराण की कथ प्रसंग में पुज्य श्री लक्ष्मणदास जी महाराज ने सब देवों में पांच देव जो अजन्में अनादि काल से श्रृष्टि का संचालन करते है जिसमें गजानन्द, शंकर, विष्णु, शक्ति व ब्रह्मा है। गजानन्द जी अनादि दे है लीला वष उनके पर्वती के मैल से गणेष जन्म की पावन कथा कही। गजानन्द द्वारा सांस्कृतिक जीवों को माता पिता की प्रथम पूजनीय कहा। साथ ही कहा कि मनुष्य चाहे सबतीर्थ कर ले। पर जब तक माता-पिता के चरणों की सेवा नहीं करता उसे तीर्थ फल नहीं मिलता। माता पिता की प्रथम पुजित देव है। साथ ही प्रत्येक घर में तुलसी का वृक्ष होना चाहिए। क्योंकि तुलसी विष्णु की आर्या है। लक्ष्मी स्वरूप है। श्री हरी विष्णु सालग राम रूप में तुलसी का वरण किया।


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कथा संयोजक दुर्गाषंकर व बाबूलाल माली ने कमहाराज को माल्यार्पण कर पाण्डाल में आऐ भक्तों का साधुवाद किया। कहा भारी मात्रा जन सहयोग व महिलाओं का उत्साह देख भाव विहला हो गए। प्रसादी का लाभ लक्ष्मी नारायण मोहनलाल सोनी ने लिया।

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