शनिवार, 12 दिसंबर 2015

बाड़मेर ब्लॉक में अनुबंध विस्तार मामले में अदालत पहुंची केयर्न

बाड़मेर ब्लॉक में अनुबंध विस्तार मामले में अदालत पहुंची केयर्न

देश की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की तेल उत्खनन कंपनी केयर्न इंडिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर अपने उत्पादन साझेदारी अनुबंध के विस्तार मामले में सरकार से जल्द निर्णय लेने की गुहार लगाई है। वेदांत समूह की यह कंपनी राजस्थान के बाड़मेर जिले में देश के सबसे बड़े ऑफशोर तेल खोज का परिचालन करती है। बाजार सत्र के बाद जारी एक बयान में कंपनी ने कहा, 'केयर्न इंडिया ने अपने राजस्थान ब्लॉक (आरजे-ओएन-90/1) के उत्पादन साझेदारी अनुबंध में विस्तार संबंधी निर्णय जल्द लिए जाने और वहां से उत्पादित कच्चे तेल के लिए उचित कीमत तय करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। ये दोनों मामले फिलहाल केंद्र सरकार के पास लंबित हैं।' केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि उत्पादन साझेदारी अनुबंध को कुछ शर्तों के साथ विस्तार दिया जाएगा।


अनुबंध की शर्तों के अनुसार यदि गैस उत्पादन संबंधी प्रस्ताव आएंगे तो उत्पादन साझेदारी अनुबंध को 10 साल तक बढ़ाया जा सकेगा अन्यथा वह केवल 5 साल के लिए मान्य रहेगा। राजस्थान के मुख्य सचिव सीएस राजन ने हाल में कहा था, 'केयर्न का उत्पादन साझेदारी अनुबंध 2020 को खत्म हो रहा है। केंद्र सरकार ने केयर्न इंडिया को इस शर्त पर उत्पादन साझेदारी अनुबंध को 10 साल के लिए बढ़ाने की पेशकश की है कि वह केंद्र सरकार के राजस्व हिस्सेदारी में इजाफा करेगी।' उत्पादन साझेदारी अनुबंध में विस्तार संबंधी निर्णय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय से आना है।


रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट के दौरान राजन ने कहा, 'अब इसमें काफी कम जोखिम है क्योंकि तेल भंडार की पहचान पहले ही हो चुकी है। अब इसमें निवेश पर काफी कम जोखिम है और इसलिए उन्हें मुनाफे मेंं सरकार को अधिक हिस्सेदारी देने के लिए तैयार होना चाहिए।' फिलहाल पेट्रोलियम मुनाफे में सरकार की हिस्सेदारी 25 से 60 फीसदी के दायरे में है। केयर्न के राजस्थान ब्लॉक में यह 50 फीसदी है।

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