भीलवाड़ा।रेलवे इंजीनियर को चार साल की कैद, 40 हजार जुर्माना
भीलवाड़ा स्टेशन के वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर बीपी कुलश्रेष्ठ को चार साल की कैद व 40 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। फैसला गुरुवार को विशिष्ट न्यायाधीश(भ्रष्टाचार निरोधक मामलात) ने दिया। कुलश्रेष्ठ वर्ष 2004 में रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए थे। इस मामले में लोक अभियोजक गिरिराज अग्रवाल ने आरोप सिद्ध करने के लिए अदालत में 20 गवाह व 42 दस्तावेज प्रस्तुत किए।
प्रकरण के अनुसार सोनियाणा निवासी व रेलवे के मंडपिया गेट के प्रधान गेटमैन चूनाराम बलाई ने चार दिसंबर 04 को शिकायत दर्ज करवाई कि उसका ट्रांसफर पीडब्ल्यआई कार्यालय से अजमेर कर दिया गया। चूनाराम का यह तबादला पारिवारिक परिस्थितियों को देखते हुए पीडब्लयूआई कार्यालय में कर दिया गया। चूनाराम ने वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर बीपी कुलश्रेष्ठ से संपर्क किया।
कुलश्रेष्ठ ने ड्यूटी ज्वाइन करवाने के बदले 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। शिकायत के सत्यापन के बाद पांच दिसंबर 04 को कुलश्रेष्ठ को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार को कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए चार साल की कैद व 40 हजार रुपए की जुर्माने की सजा सुनाई।
भीलवाड़ा स्टेशन के वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर बीपी कुलश्रेष्ठ को चार साल की कैद व 40 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। फैसला गुरुवार को विशिष्ट न्यायाधीश(भ्रष्टाचार निरोधक मामलात) ने दिया। कुलश्रेष्ठ वर्ष 2004 में रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए थे। इस मामले में लोक अभियोजक गिरिराज अग्रवाल ने आरोप सिद्ध करने के लिए अदालत में 20 गवाह व 42 दस्तावेज प्रस्तुत किए।
प्रकरण के अनुसार सोनियाणा निवासी व रेलवे के मंडपिया गेट के प्रधान गेटमैन चूनाराम बलाई ने चार दिसंबर 04 को शिकायत दर्ज करवाई कि उसका ट्रांसफर पीडब्ल्यआई कार्यालय से अजमेर कर दिया गया। चूनाराम का यह तबादला पारिवारिक परिस्थितियों को देखते हुए पीडब्लयूआई कार्यालय में कर दिया गया। चूनाराम ने वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर बीपी कुलश्रेष्ठ से संपर्क किया।
कुलश्रेष्ठ ने ड्यूटी ज्वाइन करवाने के बदले 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। शिकायत के सत्यापन के बाद पांच दिसंबर 04 को कुलश्रेष्ठ को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार को कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए चार साल की कैद व 40 हजार रुपए की जुर्माने की सजा सुनाई।
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