शुक्रवार, 4 दिसंबर 2015

सिरोही जिले के षुद्ध पेयजल हेतु 200 करोड का विशेष पैकेज दिया जाये सांसद पटेल



सिरोही जिले के षुद्ध पेयजल हेतु 200 करोड का विशेष पैकेज दिया जाये सांसद पटेल

माउंट के पेयजल हेतु सालगांव डेम का षीघ्र निर्माण करवाने का उठया मुद्दा

नईदिल्ली, 04 दिसम्बर 2015 शुक्रवार।

जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने 16वीं लोकसभा के छठें शीतकालीन सत्र में शुन्यकाल के दौरान सिरोही जिले के शुद्ध पेयजल हेतु 200 करोड़ विशेष पैकेज दिलवाने मुद्दा उठाया।

सांसद देवजी पटेल ने शुन्यकाल के दौरान लोकसभा अध्यक्ष से मांग रखते हुए कहा कि जब आप गा्रमीण विकास मंत्रालय से संबंधित स्थायी समिति के अध्यक्ष थे तब आपने माउंट प्रवास के दौरान सालगाॅव डेम के निमार्ण का मुद्दा आपके समक्ष रखा गया था। आज माउंट के पेयजल के लिए यह डैम का बनाना नितांत आवश्यक है। सिरोही जिले के पेयजल के लिए यह जरूरी है कि पहाडों के पानी को वही पर रोका जाएं। इस संबंध में सालगाॅव डेम के निमार्ण के लिए वन मंत्रालय के आवश्यक मंजूरी शीघ्र दी जायें।

सांसद पटेल ने कहा कि जल ही जीवन है इसेक बीना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। क्षेत्र में प्रतिवर्ष वर्षा के घटते स्तर के कारण जिले में भूजल स्त्रोतों के जल उत्पादन में कमी आ रही है। जल स्तर में कमी आने के कारण पेयजल की गुणवत्ता में गिरावत आ रही है। जिला मुख्यालय सहित क्षेत्र के गाॅवो में लोगों को पेयजल के लिए दूर-दूर भटकना पड रहा हैं। इसके अलावा पानी के अभाव में मवेशियों की हालत भी खास्ता होती जा रही हैं, ऐसी स्थिति में ग्रामिणांे को पेयजल के जुगाड के लिए दूर-दूर भटकना पड रहा हैं। सिरोही जिले की पेयजल के लिए ग्राम देलदर तहसील आबूरोड में बŸाीसा नाला बांध परियोजना प्रस्तावित है। परियोजना का प्रारम्भिक सर्वे कार्य किया गया जिसके तहत परियोजना हेतु 659.53 मि.घ.फु. पानी उपलब्ध है। जिसमें से 573.18 मि.घ.फु. पानी का उपयोग किया जा सकता है। किन्तु इस परियोजना के कुल डूब क्षैत्र 120.168 हैक्टर में से 75.898 हैक्टर भूमि वन विभाग की है तथा आदिवासी क्षैत्र में जाने वाली एक मात्र सड़क करीबन 5 कि.मी. डूब क्षैत्र में आती है। इस बांध परियोजना के प्रारंभ हो जाने से सिरोही जिले को पेयजल की किल्लत से छुटकारा मिल जायेगा।

उन्होंने बताया कि वन विभाग से अनापति प्रमाण पत्र हेतु प्रस्ताव वन विभाग को प्रस्तुत किये जा चुके है। इसके अलावा हाईड्रोलाॅजी की गणना हेतु आंकडे आई.डी.एण्ड आर. जल संसाधन जयपुर को भिजवाये जा चुके है तथा परियोजना का स्वीकृति हेतु तकमीना राशि 157.50 करोड़ का उच्चाधिकारियों को भिजवाया गया है।

सांसद पटेल ने बताया कि पर्वतीय पर्यटन स्थल माउट आबू की अहम पेयजल समस्या के एकमात्र निदान के लिए सालगांव परियोजना तीन दशक पूर्व आरंभ की गयी थी। तीन दशक बीतने के बाद यहां प्रतिवर्ष 22 लाख से अधिक देश और विदेश से पर्यटक भी आते हैं। प्रतिवर्ष जिनमें लगभग दो लाख की संख्या की वृद्धि का अनुमान है। वर्तमान समय शहर की जलापूर्ति के लिए पीएचईडी के पास अपर कोदरा बांध व लोअर कोदरा बांध ही उपलब्ध हैं, जिनमें कुल मिलाकर लगभग 41 एमसीएफटी जलभंडारण क्षमता उपलब्ध हैं। जबकि वर्तमान में शहर की जलापूर्ति की आवश्यकता कम से कम 112 एमसीएफटी की है। यदि बारिश समय पर नहीं होती है तो जलसंकट गहरा हो जाता हैं। माउट आबू में भुमिगत पानी का भयंकर अभाव हैं। जिससे कुंए व हैण्डपंप आदि भी पानी की उपलब्धता नही ंके बराबर रह जाती हैं। जिससे पेयजल संकट और गहरा जाता हैं। ऐसी स्थिति मेें माउट आबू को खाली करने जैसी भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं।

सांसद पटेल ने कह कि इसी प्रकार माउंट आबू की प्रसिद्ध नक्की झील, जिले का सबसे बड़ा वेस्ट बनास बांध, सिरोही का रियासतकालीन कालकाजी तालाब, सिरोही का प्रमुख पेयजल स्रोत अणगौर बांध समेत कई बांध व तालाब दुर्दषा के शिकार है। नक्की झील के सौंदर्यीकरण व सीवरेज कार्य के लिए बजट मिला, लेकिन कार्य शुरू नहीं हुआ। झील लगातार प्रदूषित हो रही है। कालकाजी तालाब के ओवरफ्लो की दीवार पानी की मार नहीं झेल पाने से तालाब दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अणगौर बांध के कैचमेंट एरिया में ही चालीस एनिफट बनने से पानी का आवक ही अवरूद्ध हो गया हैं।

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