नंद घर योजना से सुधरेगी आंगनबाड़ी केन्द्रांे की तस्वीर
बाड़मेर, 24 नवंबर। भवन विहिन एवं आधारभूत सुविधाआंे से वंचित आंगनबाड़ी केन्द्रांे की तस्वीर बदलेगी। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने नंदघर योजना शुरू की है। इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को आधुनिक बनाने और सामुदायिक सहयोग को सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही दानदाताओं, गैर सरकारी संस्थाओं और कॉर्पोरेट हाउस को आंगनबाड़ी केंद्र गोद दिए जा सकेंगे।
जिला कलक्टर एम.एल.नेहरा ने बताया कि नंद घर योजना के शुरू होने से आंगनबाड़ी केंद्रों का स्वरूप सुधरेगा और सुविधाओं में इजाफा होगा। उन्हांेने बताया कि सामुदायिक सहयोग के जरिए आंगनबाड़ी केंद्रों को आधुनिक बनाने के मकसद से नंद घर योजना बनाई गई है। योजना के तहत दानदाता सामाजिक ट्रस्ट, गैरसरकारी, संस्था, कॉर्पोरेट हाउस एक या एक से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद ले सकेंगे। इसके लिए विभाग एवं संस्था के मध्य एमओयू साइन किया जाएगा। इसके तहत वे 5 साल तक इनके संचालन के लिए फंडिंग करेंगे। इन केंद्रों में वे सभी गतिविधियां वैसे ही संचालित होंगी जो महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा निर्धारित की गई है। सेंटर में किसी नए परिवर्तन के लिए गोद लेने वाली संस्था या कॉर्पोरेट हाउस नवीन परिवर्तन के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी को सुझाव दे सकता है। अगर सुझाव पर सहमति बन जाती है तो उस परिवर्तन को लागू किया जा सकेगा।
यह होंगी शर्तेंः गोद लेने वाली संस्था खुद की जमीन या महिला एवं बाल विकास द्वारा उपलब्ध जमीन पर भवन का निर्माण करवाएगी। एक आंगनबाड़ी केंद्र के लिए संस्था को पहले साल 30 हजार रुपए अगले चार सालों के लिए प्रतिवर्ष 10 रुपए खर्च करने होंगे। इसके अतिरिक्त राशि की आवश्यकता पड़ी तो विभाग द्वारा संस्था को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
बाड़मेर, 24 नवंबर। भवन विहिन एवं आधारभूत सुविधाआंे से वंचित आंगनबाड़ी केन्द्रांे की तस्वीर बदलेगी। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने नंदघर योजना शुरू की है। इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को आधुनिक बनाने और सामुदायिक सहयोग को सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही दानदाताओं, गैर सरकारी संस्थाओं और कॉर्पोरेट हाउस को आंगनबाड़ी केंद्र गोद दिए जा सकेंगे।
जिला कलक्टर एम.एल.नेहरा ने बताया कि नंद घर योजना के शुरू होने से आंगनबाड़ी केंद्रों का स्वरूप सुधरेगा और सुविधाओं में इजाफा होगा। उन्हांेने बताया कि सामुदायिक सहयोग के जरिए आंगनबाड़ी केंद्रों को आधुनिक बनाने के मकसद से नंद घर योजना बनाई गई है। योजना के तहत दानदाता सामाजिक ट्रस्ट, गैरसरकारी, संस्था, कॉर्पोरेट हाउस एक या एक से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद ले सकेंगे। इसके लिए विभाग एवं संस्था के मध्य एमओयू साइन किया जाएगा। इसके तहत वे 5 साल तक इनके संचालन के लिए फंडिंग करेंगे। इन केंद्रों में वे सभी गतिविधियां वैसे ही संचालित होंगी जो महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा निर्धारित की गई है। सेंटर में किसी नए परिवर्तन के लिए गोद लेने वाली संस्था या कॉर्पोरेट हाउस नवीन परिवर्तन के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी को सुझाव दे सकता है। अगर सुझाव पर सहमति बन जाती है तो उस परिवर्तन को लागू किया जा सकेगा।
यह होंगी शर्तेंः गोद लेने वाली संस्था खुद की जमीन या महिला एवं बाल विकास द्वारा उपलब्ध जमीन पर भवन का निर्माण करवाएगी। एक आंगनबाड़ी केंद्र के लिए संस्था को पहले साल 30 हजार रुपए अगले चार सालों के लिए प्रतिवर्ष 10 रुपए खर्च करने होंगे। इसके अतिरिक्त राशि की आवश्यकता पड़ी तो विभाग द्वारा संस्था को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
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