गुरुवार, 12 नवंबर 2015

नई दिल्ली।ब्रिटेन और तुर्की की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए पीएम मोदी



नई दिल्ली।ब्रिटेन और तुर्की की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए पीएम मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन और तुर्की की यात्रा पर रवाना हो गए हैं। प्रधानमंत्री गुरुवार सुबह नई दिल्ली से एयर इंडिया के विमान से लंदन के लिए रवाना हुए। 14 नवंबर को प्रधानमंत्री लंदन से तुर्की के लिए रवाना होंगे। ब्रिटेन की पीएम की यह यात्रा तीन दिनों की है।

ब्रिटेन में जहां वह प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे, वहीं तुर्की में होने वाली जी-20 की बैठक में वह कालाधन, आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे संगठनों में शासकीय सुधार का मुद्दा उठाएंगे।

मोदी ब्रिटेन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ब्रिटिश संसद को भी सम्बोधित करेंगे। वहां की संसद को सम्बोधित करने वाले वह पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे।

प्रधानमंत्री 12 से 14 नवम्बर तक होने वाली अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान कैमरन के साथ आतंकवाद, रक्षा और जलवायु परिवर्तन सहित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। मोदी और कैमरन की यह तीसरी मुलाकात होगी।

इससे पहले वह विभिन्न मौकों पर दो बार ब्रिटिश प्रधानमंत्री से मिल चुके हैं। उनका बर्किंघम पैलेस में दोपहर के भोजन का कार्यक्रम भी है। प्रधानमंत्री का ब्रिटेन की महत्वपूर्ण कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से मिलने का भी कार्यक्रम है।

वह इस दौरान उस मकान को भी देखने जाएंगे, जहां पढ़ाई के दौरान बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर रहते थे। प्रधानमंत्री जब कैमरन से मिलेंगे तो बातचीत के एजेंडे में आतंकवाद, द्विपक्षीय कारोबार, रक्षा सहयोग, स्वच्छ ऊर्जा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा जलवायु परिवर्तन जैसे अनेक महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल होंगे।

पिछले नौ साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रिटेन की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे।उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में करीब 15 लाख प्रवासी भारतीय रहते हैं, जबकि 10 सांसद भारतीय मूल के हैं। प्रधानमंत्री टाटा मोटर्स की अनुषंगी कंपनी जगुआर लैंड रोवर ऑटोमेटिव लिमिटेड भी जाएंगे।मोदी अपनी यात्रा के दूसरे पड़ाव में 15 और 16 नवम्बर को तुर्की के अंताल्या में प्रस्तावित समूह-20 की बैठक में भी हिस्सा लेंगे, जहां वह कालाधन, समावेशी विकास, वित्तीय नियमन और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में शासकीय सुधार जैसे प्रमुख मुद्दे उठाएंगे।

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