शुक्रवार, 6 नवंबर 2015

बीकानेर आतंकियों के खिलाफ जमीनी जंग के गुर सीखेगी रूसी सेना

बीकानेर आतंकियों के खिलाफ जमीनी जंग के गुर सीखेगी रूसी सेना

बीकानेर दुनिया भर के लिए चुनौती बन रहे इस्लामिक आतंकी संगठन आईएस के खिलाफ सीरिया में हवाई हमले करने वाले रूस की थलसेना के जवान भारतीय फौज से आतंकियों के खिलाफ जमीन जंग के गुर सीखेंगे।

वैश्विक आतंक का मिलकर सामना करने और आतंक के खिलाफ सैन्य क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से दोनों देशों की थलसेनाओं की टुकडिय़ां शनिवार से बीकानेर से सटी भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट स्थित महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू करेंगी।

यह आगामी 20 नवम्बर तक चलेगा। जयपुर स्थित भारतीय थल सेना की दक्षिण-पश्चिम कमान (सप्तशक्ति) की मेजबानी में हो रहे इस युद्धाभ्यास में भाग लेने के लिए रूसी सेना की स्वतंत्र मोडराइज्ड ब्रिगेड के जवानों अधिकारियों का 250 सदस्यीय दल शनिवार को दिल्ली होते हुए बीकानेर पहुंचेगा।

यह दल युद्धाभ्यास के दौरान एक इंफेंट्री बटालियन के साथ चौदह दिनों तक मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्वी इलाकों में आतंकियों से निपटने की भारतीय सेना की महारथ से आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के गुर सीखेगा।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा के अनुसार युद्धाभ्यास में भारत व रूस के जाबांज एक दूसरे के हथियारों, उपकरणों, सैन्य अभियानों कार्यप्रणाली, कमाण्ड एंड कंट्रोल (कमान व नियंत्रण) के तरीकों से रूबरू होंगे।

इसके अलावा उच्च स्तरीय शारीरिक मापदण्ड, रणकौशल और नवीनतम तकनीकों पर भी ध्यान केंद्रीत किया जाएगा। इसके चार सप्ताह का एक विस्तृृत प्रशिक्षण कार्यक्रम भी तैयार किया गया है।

यह रहेगा खास

युद्धाभ्यास के दौरान दोनो देशों के सैनिक घेराबन्दी और तलाशी अभियान, खोज और बचाव, संयुक्त रणनीतिक अयास जैसे विभिन्न प्रकार के रणनीतिक अभियानों को समझने-परखने के अलावा विशिष्ट हथियारों के इस्तेमाल के बारे में भी अनुभव साझा करेंगे।

युद्धायास दो चरणों में होगा। पहले चरण में युद्ध अनुकूलन व रणनीतिक प्रशिक्षण तथा दूसरे चरण में संयुक्त प्रशिक्षण की जमीनी परख होगी।

भारत व रूस की सेना के वरिष्ठ अधिकारी युद्धाभ्यास का जायजा लेंगे। आईएस पर नजरदोनों देशों के बीच वार्षिक युद्धाभ्यास शृंखला 'इंद्राÓ का यह सातवां संस्करण संयुक्त राष्ट्र संघ की नीति के अनुरूप मरूस्थलीय इलाकों में आतंक विरोधी अभियानों पर केंद्रीत रहेगा।

उल्लेखनीय है कि आतंकी संगठन आईएस अरब देशों के रेगिस्तानी इलाकों में सिर उठाने की कोशिश कर रहा है। हाल ही रूस ने सीरिया पर हवाई हमले कर आईएस की कमर तोडऩे की कोशिश की है।

इसके मद्देनजर इस युद्धाभ्यास को काफी अहम माना जा रहा है।महाजन में दूसरी बारभारत व रूस के अंग्रेजी नामों के संक्षिप्ताक्षरों को मिलाकर इस युद्धाभ्यास का नाम इन्द्रा (आईएनडी व आरए) रखा गया है।

महाजन के धोरों में यह युद्धाभ्यास दूसरी बार हो रहा है। इससे पहले 2005 में हुए युद्धायास में दोनों देशों की सेनाओं ने आतंकी क्षेत्रों में हवाई मार्ग से उतरकर धावा बोलने का युद्धाभ्यास किया था।

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