शुक्रवार, 6 नवंबर 2015

जोधपुर महिला सिपाही ने नकारे आरोप, कहा बदनाम करने की है साजिश



जोधपुर महिला सिपाही ने नकारे आरोप, कहा बदनाम करने की है साजिश


डीजीआरएसी प्रथम बटालियन की एक महिला कांस्टेबल की ओर से ढाबा संचालक के खिलाफ देह शोषण की शिकायत दर्ज कराने के बदले अपने ही डिप्टी कमाण्डेंट पर अस्मत मांगने का आरोप लगाने के मामले ने शुक्रवार को एक नाटकीय मोड़ लिया।

महिला सिपाही ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि किसी साजिश के तहत मुझे बदनाम करने की कोशिश के चलते एेसा काम करवाया गया है। महिला सिपाही ने खुद की ओर से किसी भी प्रकार की एफआईआर दर्ज कराने और लिखित शिकायत जयपुर डीजी तक पहुंचाने की बात से साफ मना किया है।

महिला सिपाही ने मण्डोर पुलिस को बताया कि शुक्रवार सुबह उसने जब अखबार में ये खबर पढ़ी, तो तुरंत स्टेशन पहुंची। पुलिस को उसने बताया कि उसने इस तरह की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है।महिला कांस्टेबल ने अपने साथ की महिला कांस्टेबल, चार अन्य कांस्टेबल व एक पत्रकार के खिलाफ बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये सब उन्हीं लोगों का रचा हुआ षड्यंत्र है। महिला ने उन सब के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का दावा करने की धमकी भी दी।

गौरतलब है कि डीजीआरएसी प्रथम बटालियन की महिला कांस्टेबल की ओर से डीजीपी मनोज भट्ट को आरपीटीसी के बाहर चाय दुकान संचालक रामनिवास पर देह शोषण तथा पति को मारने की धमकी की लिखित शिकायत दी गई थी।

डीजीपी मनोज भट्ट को शिकायत भेजने के बाद ढाबा संचालक पर देह शोषण तथा डिप्टी कमाण्डेंट, कम्पनी कमाण्डर व दो हैड कांस्टेबल पर छेड़छाड़ का मामला मण्डोर थाने में दर्ज किया गया था।

थानाधिकारी जब्बरसिंह के अनुसार महिला सिपाही के परिवाद पर चाय दुकान संचालक रामनिवास पर देह शोषण तथा पति को मारने की धमकी मामला व आरएसी के डिप्टी कमाण्डेंट पर एफआईआर दर्ज कराने के बदले अस्मत मांगने, कम्पनी कमांडर रविराज सिंह पर तंग करने और हैड कांस्टेबल आसूसिंह व चण्डीदान पर अश्लील इशारे व छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया था।

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