मंगलवार, 13 अक्तूबर 2015

नई दिल्ली।PAK से आगे निकला भारत, तेजस में होगी पाकिस्तान के JF-17 को तबाह करने की ताकत



नई दिल्ली।PAK से आगे निकला भारत, तेजस में होगी पाकिस्तान के JF-17 को तबाह करने की ताकत


स्वदेशी टेक्नोलॉजी से बने भारत के पहला लाइट वेटेड फाइटर प्लेन तेजस में इंडियन एयरफोर्स ने बदलाव करने का फैसला किया है। इस बदलाव का मकसद तेजस को पाकिस्तान के JF-17 Thunder प्लेन को तबाह करने लायक बनाना है। 43 बदलाव के साथ 100 तेजस फाइटर जेट को इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया जाएगा। शीर्ष रक्षा अधिकारी के मुताबिक यह फाइटर प्लेन पाकिस्तानी लड़ाकू विमान JF-17 को मात दे सकता है।



गौरतलब है कि तेजस भारत द्वारा विकसित हल्का फाइटर जेट प्लेन है। यह हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित वन सीटर, एक जेट इंजन वाला और अनेक भूमिकाओं वाला हल्का युद्धक विमान है। विमान का आधिकारिक नाम तेजस 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था। यह विमान पुराने पड़ रहे MiG-21 का स्थान लेगा।



तेजस में होंगे ये बदलाव

- 57 कमियों में से कुल 43 बदलाव किए जाएंगे

- तेजस को AESA (active electronically scanned array) रडार के साथ जोड़ा जाएगा।

- हवा में ईंधन भरे जाने की क्षमता।

- लंबी दूरी की BVR (Beyond Visual Range) मिसाइल से लैस।

- दुश्मनों के रडार और मिसाइल को जैम करने के लिए एडवांसड इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर।

- एक घंटे के भीतर ही उड़ान भरने और उतर सकने की क्षमता।













अभी का तेजस

- मैक्सिमम स्पीड: 1920 किलोमीटर/घंटा

- एक बार में रेंज: 850 किलोमीटर

- मिसाइलें: 2 क्लोज कॉम्बैट, 2 लॉन्ग रेंज मिसाइलें

- कीमत: करीब 200 करोड़ रुपए

- भार: 5,680 किग्रा गोला-बारूद के साथ

- सुपरसोनिक रफ्तार: 1.8 मेक







पाकिस्तान का जेएफ-17 थंडर

- चीन और पाकिस्तान ने मिलकर बनाया

- मैक्सिमम स्पीड: 1960 किलोमीटर/घंटा

- एक बार में रेंज: 3400 किलोमीटर

- मिसाइलें: 5 क्रूज मिसाइलें (PL-12 medium-range; PL-7, PL-8, PL-9, AIM-9P short-range)

- कीमत: 180 करोड़ रुपए

- बॉम्ब- जनरल और लेजर गाइडेड बॉम्ब







बदलाव के बाद तेजस

- मैक्सिमम स्पीड: 2200 किलोमीटर/घंटा

- एक बार में रेंज: 3200 किलोमीटर

- मिसाइलें: 8 एयर टु एयर, एयर टु सरफेस क्रूज मिसाइलें

- कीमत: 300 करोड़ रुपए



ये है योजना

देश के पहले लड़ाकू विमान पर 1983 में काम शुरु हुआ था। एचएएल ने 12 जेट बनाने की योजना तय की थी जिसके तहत हर साल 8 प्लेन बनाए जाने थे। इस तरह 120 तेजस विमानों को वायुसेना के लिए बनाया जाना है और इन्हें 2026 तक सेना में शामिल किए जाने की योजना है।



एडवांस्ड मार्क-2 पर जोर

तेजस की एडवांस्ड सीरीज मार्क-2 को बनाने पर पूरा ध्यान लगाया जा रहा है। मार्क-1 जो सिंगल इंजन था अब इसे डबल इंजन में परिवर्तित किया जा रहा है, जो ज्यादा शक्तिशाली होगा। डीआरडीओ व एचएएल अब पूरी तरह तेजस का उन्नत संस्करण बनाने में जुटे हैं। साल 2035 तक भारतीय वायु सेना में इनकी तैनाती की प्रक्रिया शुरु की जाएगी और उस वक्त मिग-29 व मिराज की विदाई की भी शुरुआत होगी।

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