शनिवार, 3 अक्टूबर 2015

अहमदाबाद।गरबा महोत्सव: मुस्लिमों पर पाबंदी तो हिंदुओं को गोमूत्र छिड़कने पर ही मिलेगा प्रवेश



अहमदाबाद।गरबा महोत्सव: मुस्लिमों पर पाबंदी तो हिंदुओं को गोमूत्र छिड़कने पर ही मिलेगा प्रवेश


देश में सामाजिक एकता की मिसाल गुजरात में नवरात्र पर होने वाले गरबा महोत्सव शायद इस बार राजनीति के भेंट चढ़ते दिख रहे हैं। कच्छ के मांडवी ताल्लुका में इस बार मुस्लिमों के गरबा महोत्सवों में घुसने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। इसके अलावा हिंदुओं को भी गोमूत्र छिड़कने व माथे पर तिलक लगाने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा।

ये फरमान एक हिंदूवादी संगठन, हिंदू संगठन युवा मोर्चा और गरबा आयोजकों की ओर से जारी किए गए हैं। संगठन के अध्यक्ष रघुवीर सिंह जडेजा ने इन प्रतिबंधों के बारे में जानकारी देते हुए बताया, हमने पिछले साल भी गैर हिंदू लोगों को गरबा महोत्सव में घुसने पर पाबंदी लगाई थी।

इस बार इन प्रतिबंधों को और कड़ा किया जा रहा है। इन प्रतिबंधों को न्यायसंगत बताते हुए जडेजा ने कहा, नवरात्र एक धार्मिक त्योहार है।

लोग नौ दिनों तक देवी मां की पूजा करते हैं। हम लव जिहाद के बढ़ते मामलों को लेकर काफी चिंतित हैं। इस कारण इस प्रतिबंध और कड़े किए गए हैं।

काफी संख्या में है मुस्लिम

जानकारी के मुताबिक मांडवी ताल्लुका तटीय इलाका है और यहां काफी बड़ी संख्या में मुस्लिम हैं, जो परंपरागत रूप से नाव बनाने का व्यवसाय करते हैं।

इसके अलावा गौर करने वाली बात यह है कि यहां आज तक कभी भी सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई। ऐसे में हिंदूवादी संगठनों की ओर से जारी किए प्रतिबंध समझ से परे हैं। गौरतलब है कि मांडवी क्षेत्र में छह बड़े गरबा महोत्सव होते हैं।

हर व्यक्ति की लेंगे तलाशी

जडेजा ने कहा उनके संगठन के कार्यकर्ता हर गरबा महोत्सव स्थल पर जाकर वहां उपस्थित लोगों की तलाशी लेंगे और इस बात की पुख्ता व्यवस्था करेंगे कि गरबा स्थल के अंदर कोई भी मुस्लिम न हो।

सूत्रों ने बताया जडेजा का फाइनेंस से जुड़ा व्यवसाय है। उन्होंने इस संगठन का निर्माण एक साल पहले ही किया है और यह संगठन विश्व हिंदू परिषद से जुड़ा हुआ है।

भाजपा नेता सहित स्थानीय लोग नाखुश

हिंदूवादी संगठन के इस फरमान से स्थानीय भाजपा नेताओं सहित स्थानीय लोग नाखुश बताए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि कुछ लोग जानबूझकर क्षेत्र की शांति को नष्ट करना चाहते हैं।

लोगों का कहना है कि क्षेत्र में लोग आपसी भाईचारे से रहते हैं व यहां कभी भी धार्मिक हिंसा को स्थान नहीं दिया गया है।लोगों का कहना है कि यहां कई ऐसे हिंदू परिवार हैं जो रमजान के पवित्र माह में रोजा रखते हैं और मुस्लिम भी गणेश चतुर्थी के त्योहार में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

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