शनिवार, 10 अक्तूबर 2015

बाड़मेर कलेक्‍टर ने ली बच्‍चों की क्‍लास, अध्‍यापकों की मेहनत पर उठे सवाल



शिक्षा संबलन अभियान के तहत बाड़मेर जिला कलेक्टर ने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रेलवे कुआ नंबर 3 का आकस्मिक निरीक्षण किया.
बाड़मेर कलेक्‍टर ने ली बच्‍चों की क्‍लास, अध्‍यापकों की मेहनत पर उठे सवाल
जिला कलेक्‍टर ने बच्चों की क्लास ली और बच्चो से सवाल जबाब किए शिक्षा संबलन अभियान में सरकारी स्कूलों के पढ़ाई के स्तर की हकीकत खुलकर सामने गई है. रीडिंग कैंपेन, शिक्षा संबलन सरीखे अभियान के जरिए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के तमाम प्रयासों के बावजूद गणित, अंग्रेजी विषय में स्टूडेंट्स का स्तर बेहद चिंताजनक पाया गया लेकिन सबसे बड़ी विडम्‍बना यह भी है दूर दराज की स्कूलों में तो शिक्षको की भरी कमी है लेकिन यहां तो आठवीं तक स्‍कूल और 20 शिक्षक लेकिन 3 क्लास में पढने वाले छात्रों को अग्रेजी में फादर की स्पेलिंग तक नहीं आई.

स्कूल में पढ़ाई की बदतर हालात देख जिला कलेक्टर कई बार अध्यापको पर बुरी तरह झुंझलाए. बाड़मेर जिले के शासकीय स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बहुत कमजोर है. शासन-प्रशासन और शिक्षा विभाग शैक्षणिक स्तर सुधारने के भले ही कई दावे करें लेकिन जमीनी स्तर पर कोई सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है. शिक्षा की नब्ज पहले की तरह ही कमजोर बनी हुई है.

जिला कलेक्टर के इस औचक निरिक्षण से विद्यालय में न केवल शिक्षा के स्तर में ही कमी है बल्कि व्यवस्थाओ की भी पोल उस समय खुल गई जब जिला कलेक्टर बच्चो की क्लास लेने पहुंचे तो बच्चो को फर्श पर बिना दरी पट्टी के बैठे देख कर प्रधानाध्यापक को भी जम कर लताड़ लगाई.

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