बुधवार, 28 अक्तूबर 2015

सीकर/चूरू मिसाल: बचपन में काटना पड़ा हाथ, अब दोहरा पदक पाने वाले पहले भारतीय बने



सीकर/चूरू मिसाल: बचपन में काटना पड़ा हाथ, अब दोहरा पदक पाने वाले पहले भारतीय बनेदोहा में आयोजित आईपीसी वल्र्ड एथेलेटिक्स चैम्पियनशिप में शेखावाटी के लाल देवेन्द्र झाझडि़या ने भाला फेंक कर रजत पदक जीता है। उन्होंने 59.06 मीटर भाला फेंककर यह उपलब्धि हासिल की है। आईपीसी वल्र्ड चैम्पियनशिप में दोहरा पदक जीतने वाले झाझडि़या पहले भारतीय खिलाड़ी हैं।

इसी के साथ उन्होंने रियोन में होने वाले पैराओलम्पिक के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है। झाझडि़या के पदक के साथ ही भारत के पदक जीतने का खाता भी खुल गया है। पदक जीतने पर राजस्थान सरकार के खेल मंत्री गजेन्द्र खींवसर ने झाझडि़या को फोन कर बधाई दी। पदक की जानकारी मिलते ही शेखावाटी के खिलाडि़यों ने जमकर जश्न मनाया। इससे पहले भी झाझडि़या कई अन्तरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके हैं।

बाबा की मेहर हुई है...

देवेन्द्र झाझडि़या ने पत्रिका से विशेष बातचीत में बताया कि बाबा की मेहर से पदक जीतने में कामयाब हुआ है। विदेशी धरती पर पदक जीतकर तिरंगा लहराना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि अच्छी तैयारी के कारण पहले ही यकीन था कि पदक जरूर जीतूंगा। झाझडि़या ने बताया कि नियमित अभ्यास के दम पर खिलाड़ी किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकते है।

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