जोधपुर मंत्री पुत्र का चालान काटने वाला हेड कांस्टेबल लाइन हाजिर
यातायात नियम तोडऩे वालों के चालान बनाने में पुलिस के अलग-अलग चेहरे नजर आए हैं। दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से यातायात नियमों की पालना कराने के लिए पुलिस एक तरफ अधिक से अधिक चालान बनाने पर बल दे रही है।
वहीं, दूसरी तरफ वीवीआईपी लोगों के चालान बनाने वाले पुलिसकर्मियों को सजा दी जा रही है। ट्रैफिक पुलिस के एक हेडकांस्टेबल के साथ एेसा ही हुआ है। उसने बिना हेलमेट मोटरसाइकिल सवार एक युवक का चालान बना दिया।
बाद में पता लगा कि वह युवक राज्य के विधि व न्याय मंत्री अर्जुनलाल गर्ग का पुत्र है, लेकिन तब तक चालान पर मोटरसाइकिल के नम्बर लिखे जा चुके थे। हेड कांस्टेबल के बेल्ट नम्बर लेकर देख लेने की कथित धमकी भी दी गई। आखिरकार मंत्री ने उच्चाधिकारी से शिकायत कर हेड कांस्टेबल को लाइन हाजिर करवा दिया।
सूत्रों के अनुसार बिलाड़ा से विधायक तथा विधि व न्याय मंत्री अर्जुनलाल गर्ग का पुत्र नवरतन गर्ग गत पांच अक्टूबर शाम मोटरसाइकिल पर मित्र के साथ नई सड़क से निकल रहा था। वह पीछे बैठा था, लेकिन हेलमेट नहीं था।
शाम 6.55 बजे यातायात पुलिस के कांस्टेबल ने बाइक रोकी और हेड कांस्टेबल विशनाराम के पास लेकर गया। उन्होंने चालान बनाते हुए बाइक के नम्बर लिख दिए। यह देख मंत्री पुत्र आवेश में आ गया। उसने देख लेने की धमकी दी। फिर उसने मोबाइल पर अपने पिता से बात कराई। तब हेड कांस्टेबल को पता लगा कि युवक के पिता मंत्री है।
पुलिस ने जल्द फ्री करने का उन्हें आश्वासन दिया। चालक के पास कोई कागजात न होने मंत्री पुत्र का नाम चालक के रूप में लिखा गया। साथ ही मंत्री पुत्र का लाइसेंस जमा किया गया। इसे दो सौ रुपए जुर्माना देकर चालान कम्पाउण्ड करवाना पड़ा।
उच्चाधिकारी से शिकायत और ...लाइन हाजिर
चालान बनने के कुछ ही देर बाद उच्चाधिकारी तक शिकायत पहुंच गई। यातायात विभाग ने हेड कांस्टेबल से मामले की जानकारी ली। यातायात पुलिस के उच्चाधिकारी ने हेड कांस्टेबल को तसल्ली देते हुए इत्मिनान से काम पर ध्यान देने की नसीहत दी। इसके बावजूद गुरवार को पुलिस कमिश्नर ने उसे लाइन हाजिर करने के आदेश जारी कर दिए ।
मंत्री ने नहीं उठाया फोन
मामले की जानकारी लेने के लिए मंत्री अर्जुनलाल गर्ग से बात करने के लिए मोबाइल पर फोन लगाया गया। उनके पुत्र ने बताया कि वे घूमने निकले हैं और घर लौटने पर बात करवा देंगे।
काफी देर तक मंत्री का फोन नहीं आया। तब उन्हें कई बार फोन किए गए, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। बाद में मंत्री पुत्र नवरतन से बातचीत में उन्होंने माना कि गत 5 अक्टूबर को पुलिस ने उनका चालान काटा था।
पुलिस कमिश्नर ने भी टाल दी बात
इस मामले में जब पुलिस कमिश्नर अशोक राठौड़ से बात की तो उन्होंने भी बात टालने की कोशिश की। उन्होंने इतना तो कहा कि हेड कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया है। लेकिन जब कारण के बारे में जानना चाहा तो बोले कि कारण का ध्यान नहीं है। किसी भी पुलिस कर्मचारी को लाइन या फील्ड में भेजा जा सकता है।
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