शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2015

भिंड।मध्य प्रदेश: कलेक्टर ने की महिला के साथ बदसलूकी



भिंड।मध्य प्रदेश: कलेक्टर ने की महिला के साथ बदसलूकी


मध्य प्रदेश में फसल की बर्बादी से हताश और निराश कई किसान आत्महत्या कर चुके हैं। यही नहीं प्रशासन का रवैया किसानों के प्रति और भी निष्ठुर बना हुआ है। किसानों को ढाढ़स बंधाने के बजाय प्रशासन उन्हें धमकाने और झिड़कने पर लगा हुआ है। भिंड जिले की निवासी एक महिला किसान के साथ ऐसा ही कुछ हुआ है।

फरियादी महिला पर भड़के डीएम

जिले की एक महिला किसान अपनी व्यथा सुनाने मंगलवार को आयोजित जन-सुनवाई में जिलाधिकारी मधुकर आग्रेय के समक्ष पहुंची। महिला ने जब फसल की बर्बादी का जिक्र किया तो आग्रेय भड़क उठे। उन्होंने कहा, 'तुमसे किसने कहा था कि धान की फसल उगाओ। क्यों लगाते हो धान? जब पानी नहीं बरसता।'

दे पाओगी उतना पैसा?

ट्यूबवेल में पानी न आने और बिजली न मिलने की शिकायत पर आग्रेय ने महिला से सवाल किया, 'टांसफार्मर लगाने में बहुत पैसा लगेगा, दे पाओगी उतना पैसा?' महिला ने जिलाधिकारी आग्रेय को बताया कि बिजली विभाग के अफसरों ने ट्रांसफार्मर लगाने से साफ इनकार कर दिया है, लेकिन वह पूरा प्रयास कर अपने लिए ट्रांसफार्मर लगवाएगी।

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

महिला के प्रति जिलाधिकारी के इस व्यवहार का वीडियो गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो के बारे में जब आग्रेय से शुक्रवार को पूछा, तो उन्होंने कहा, 'भिंड वह इलाका है, जहां बारिश काफी कम होती है, जो धान की फसल के लिए पर्याप्त नहीं है। एक अभियान चलाकर किसानों को कम पानी खपत वाली फसलों को बोने के लिए समझाया जा रहा है।'

डीएम की सफाई

उन्होंने कहा, 'इसीलिए उस महिला को जनसुनवाई में यह समझाया गया कि धान की फसल नहीं बोनी चाहिए थी। मगर उनकी इस समझाइश को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।' आग्रेय ने कहा, ''जिले में छह हजार हेक्टेयर में किसान धान की खेती करते हैं। पानी की कमी के चलते प्रशासन पर तालाब या नहर से पानी छोडऩे के लिए दवाब बनाया जाता है। पीने का पानी खेती को देने से बचने के लिए ही किसानों को सलाह दी जा रही है।'

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