शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2015

भरतपुर.कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों के जवाब सुन हैरत में पड़ गए आईजी



भरतपुर.कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों के जवाब सुन हैरत में पड़ गए आईजी


पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित हुई दो दिवसीय बाल संरक्षण कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए रेंज पुलिस महानिरीक्षक बीजू जॉर्ज जोसफ ने बच्चों संबंधी नवीन कानून व उनके अधिकारियों की पुलिस अधिकारियों को जानकारी नहीं होने पर ङ्क्षचता जताई।

उन्होंने बताया कि अनुसंधान अधिकारियों को कई बार उन्होंंने स्वयं कानून का उल्लंघन करते पकड़ा है। आईजी ने कहा कि अधिकारी जिम्मेदारी के साथ काम करें और समय के साथ हो रहे परिवर्तनों पर भी ध्यान रखें। वह राजस्थान पुलिस अकादमी जयपुर एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि अधिकारी राजस्थान पुलिस अकादमी में 20-25 साल पहले पढ़े कानून के अनुसार ही चल रहे हैं। उन्हें सीआरपीसी व आईपीसी में हुए संशोधनों की जानकारी नहीं है। कई अधिकारियों को मानव तस्करी की परिभाषा तक नहीं मालूम।

उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि वह अपनी जिम्मेदारी निचले स्तर के कर्मचारी पर नहीं डाले, स्वयं मौके पर जाकर कार्रवाई करें। आईजी ने कहा कि बाल संरक्षण के कार्य में लगे पुलिस अधिकारी व स्वयंसेवी संस्थान से जुड़े लोग आपस में तालमेल बनाकर कार्य करें।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आरपीए की प्रशिक्षण कार्यक्रम सहायक निदेशक अनुकृति उज्जैनियां ने कहा कि बाल संरक्षण के मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की महती आवश्यकता है जिससे ऐसे परिवादों में बच्चे एवं उनके परिवारीजनों से उन्हें पूर्ण सहयोग मिल सके।

उन्होंने कहा कि भारतीय दण्ड संहिता के तहत किसी भी महिला एवं बच्चों की गिरफ्तारी सूर्यास्त के बाद नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर बालिग की आयु 18 वर्ष से घटाकर 16 वर्ष करने पर चर्चा है पर अभी विधि में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

इस मौके पर एएसपी (एडीएफ) केसर ङ्क्षसह शेखावत, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष आलोक शर्मा, किशोर न्याय बोर्ड के अध्यक्ष एवं एसीजेएम महावीर महावर, यूनीसेफ के कंसलटेंट पंकज कुमार, चाइल्ड लाइन के सदस्य योगेश कुमार, बाल न्यायिक बोर्ड की सदस्या श्रद्धा शर्मा, दिशा फाउण्डेशन के प्रतिनिधि बाड़ी, धौलपुर के बाल संरक्षण समिति के सदस्य, उमंग स्वयं सेवी संस्था के कार्यकारी अधिकारी मुनेश पाराशर ने भी विचार व्यक्त किए।

कार्यशाला में रेंज के चारों के जिले पुलिस अधिकारी, बाल संरक्षण से जुड़ी एनजीओ व सीएलजी सदस्य शामिल हुए।

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