सीकर/फतेहपुर.5 जिलों में 50 लाख की 45 वारदात, 2 GIRLFRIEND बताती कहां करनी है चोरी
फिल्म बंटी और बवली सबने देखी है। लेकिन यह सच्ची घटना है। इसमें बंटी और बवली का डबल रोल है। कहानी गिरोह के सरगना नबीपुरा निवासी विजयपाल से शुरू होती है। उसने वर्ष 2011 में पहले अपनी ताई की चेन चोरी की। इसके बाद उसने ताऊ केशरदेव के घर में बड़ा हाथ मारा। रुपए आने के बाद वह दुबई चला गया। विदेश से 15 माह बाद घर लौटा।
रुपए खत्म होने पर बाद वर्ष 2013 में वह जयपुर में ट्रक चलाने लगा। इसी बीच वह ट्रक लेकर भाग गया। उसने करीब 25 हजार रुपए भी रखे थे। दिल्ली में ट्रक खड़ा करके वह बेंगलुरु चला गया और सीकर आकर उसने चोरी व नकबजनी की वारदात करना शुरू कर दी।
जयपुर में मिली प्रेमिका
पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार ने बताया कि वियजपाल अय्याशी का शौकीन है। वह जयपुर में होटलों में जाता था। वहां सीकर की एक महिला से उसकी जान पहचान हो गई और दोनों साथ रहने लग गए। विजयपाल ने सिंगोदड़ा निवासी संजय, चूरू व सीकर के दो युवकों को अपनी गिरोह में शामिल कर लिया। इसमें से सीकर के युवक ने भी अपनी नागौर निवासी प्रेमिका को गिरोह में शामिल कर लिया।
पुलिस ने शुक्रवार को विजयपाल व उसके साथी संजय को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरोह की दो प्रेमिका, एक प्रेमी सहित चार जनों की पुलिस को तलाश है। गिरफ्तार आरोपितों ने फतेहपुर में 17, जयपुर में चार, चूरू में सात, लक्ष्मणगढ़ में सात, झुंझुनूं में आठ, बाड़मेर में एक व दादिया इलाके में एक चोरी व नकबजनी की वारदात कबूली हैं।
50 लाख का माल बेच चुके हैं अब तक
गिरोह के बदमाश छोटी से लेकर बड़ी सभी वारदात को अंजाम देते हैं। उन्होंने जानवर चोरी से लेकर बड़ी चोरियों को अंजाम दिया है। अब तक की वारदातों के बाद आरोपित 50 लाख रुपए से ज्यादा का माल बेच चुके हैं। गिरोह का पकडऩे में फतेहपुर कोतवाली प्रभारी रमेश माचरा के नेतृत्व में गठित टीम की अहम भूमिका रही।
चोरी के रुपए से खरीदी गाड़ी
विजयपाल ने कुछ रुपए जमाकर एक पिकअप गाड़ी भी खरीद ली। गाड़ी के कुछ रुपए उसने फाइनेंस पर उठाए हैं। चोरी के बाद ही वह किस्त चुका रहा है। गिरोह के पास बाइक भी है। पहले गिरोह के बदमाश् पहले कार से वारदात को अंजाम देते थे लेकिन एक साथी के कार को ले जाने के बाद बाइक व पिकअप खरीदी। इसके बाद इसी गाड़ी से चोरी का सामान भरकर लाते थे।
ऐसे हाथ आया गिरोह
फतेहपुर पुलिस ने जुलाई माह में चोरी के मामले में हाजम और नोपाराम को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में सामने आया कि विजयपाल गिरोह का सरगना है। अगर वो हाथ आया, तो बड़ी चोरी खुलेगी। इसके बाद से पुलिस को उसकी तलाश थी। विजयपाल के परिजनों ने उसको घर से निकाल दिया है। वह घर पर नहीं रहता।
Barmer theft
एक रात में खर्च किए 30-30 हजार
गिरोह के बदमाश अय्याशी के शौकीन हैं। जयपुर के होटल में रुकते हैं और महिलाओं को बुलाते हैं। पूछताछ में सामने आया कि बदमाशों ने एक रात में 30-30 हजार रुपए तक अय्याशी में खर्च किए हैं। गिरोह का एक बदमाश जयपुर में महिलाओं की सप्लाई भी करता है। पुलिस को उसकी व उसकी प्रेमिका की तलाश है। आरोपितों ने अपने अलग-अलग कमरे में किराए पर ले रखे हैं।
ऐसे करते थे वारदात
गिरोह की महिलाएं वारदात से पहले रैकी करती थीं। इसके बाद बदमाश वारदात को अंजाम देते थे। दिन के समय सूने मकान निशाने पर रहते हैं। रात को हवेलियां में वारदात करते हैं। दिन में छोटे वाहन प्रयोग में लेते हैं और रात के समय पिकअप गाड़ी ले जाते हैं। गिरोह के बदमाश वारदात के बाद घर में कोई भी सामान नहीं छोड़ते। वहां जो भी मिले, उसको लेकर आ जाते हैं।
प्रेमिकाओं ने रिश्तेदारों के यहां करवाई चोरी
पुलिस उपाधीक्षक विनोद कालेर ने बताया कि विजयपाल की महिला साथी ने फतेहपुर व मंडवा में अपने रिश्तेदारों के यहां भी चोरी की वारदात करवा दी। गिरोह के बदमाश चोरी का माल लोकल इलाके में नहीं बेचते थे। माल को जयपुर या अन्य जगह बेचा करते थे।
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