शनिवार, 17 अक्तूबर 2015

इस खजाने की चाह में पाकिस्तान ने किया है अब तक 19 हजार लोगों का कत्ल!



पाकिस्तान का झूठ एक बार फिर पकड़ा गया है. पाकिस्तान भारत पर आरोप लगाता रहा है कि वो बलूचिस्तान में आंतक फैला रहा है. लेकिन भारत में शरण लिए बलूच नेता ने पाकिस्तान के इस झूठ को बेनकाब कर दिया है. बलूच नेता बलाच पुरदली ने कहा कि बलूचिस्तान में हिंसा के लिए पाकिस्तान ही जिम्मेदार है. भारत का इससे कोई नाता नहीं है.



पाकिस्तान का बलूचिस्तान हिंसा और दमन के आग में झुलस रहा है. पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं बलूचिस्तान के लोग.



पाकिस्तान दावा करता आ रहे है कि ये आग भारत ने लगाई है. लेकिन भारत में पनाह लिए बलूच नेता बलाच पुरदली ने दुनिया के सामने पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया है. पुरदली ने पाकिस्तान के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसके तहत वो अंतराष्ट्रीय मंचों पर भारत को घेरता रहा है.



बलूचिस्तान में आजादी की लड़ाई को पाकिस्तान सेना की मदद से क्यों कुचलने में लगा है. पुरदली के मुताबिक बलूचिस्तान की जमीन को पाकिस्तान अब तक करीब 19 हजार बलूचियों के खून से रंग चुका है.






दरअसल, भारत जब भी कश्मीर में आंतकवाद का मुद्दा उठाता है तो पाकिस्तान उसके जवाब में बलूचिस्तान को खड़ा कर देता है.




पिछले महीने ही पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को डोजियर सौंपा है जिसमें उसने आरोप लगाया है कि भारत बलूचिस्तान और करांची में तालिबान और वहां के विद्रोहियों को मदद कर रहा है.



लेकिन पाकिस्तान के दावे में कितनी सच्चाई है ये बलूचिस्तान के नेता खुद बता रहे हैं. बलाच पुरदली ने भारत से गुहार लगाई है कि वो अंतराष्ट्रीय मंच पर बलूचिस्तान में पाकिस्तानी दमन के मुद्दे को उठाए.



पाकिस्तान ने यूएन में भारत को बदनाम करने के लिए सबूतों का जो डोजियर सौंपा हैं उस भारत सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया है. क्योंकि ये कोई पहली बार नहीं जब पाकिस्तान ऐसी हरकत कर रहा है. पाकिस्तान के दावे में कितना सच है ये तो अब तक आप समझ ही गए होंगे.



आपको बलूचिस्तान में पाकिस्तान के उस दमन की कहानी बताने जा रहे हैं जो आपको अंदर तक हिला देगी. बलूचिस्तान वो सूबा है जो पूरी तरह कभी पाकिस्तान के कब्जे में रहा ही नहीं. यहां पाक सरकार की नहीं बल्कि कबीलाई सरदारों की चलती है. धूल भरी आंधी, रेतीला इलाका, बंजर जमीन और बर्बर लड़ाकू कबीले बलूचिस्तान की असली तस्वीर हैं. इनका अपना अपना कानून है. ये पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं जिसके लिए ये 1947 के बाद से लड़ रहे हैं. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी आजादी की इस लड़ाई को आगे बढ़ा रही है लेकिन पाकिस्तान सेना इसे हमेशा दबाने की कोशिश की है.



दरअसल इसकी जड़ में है बलूचिस्तान का वो खजाना जिसे पाकिस्तान पाना चाहता है. इस रेतीले इलाके में छिपा है यूरेनियम, पेट्रोल, नेचुरल गैस और कीमीती धातुओं का बेशकीमती भंडार और पाकिस्तान इस पर ही अपना कब्जा चाहता है. हालांकि बलूचिस्तान के लोग किसी भी कीमत पर आपनी आजादी नहीं खोना चाहते हैं और पाकिस्तान के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद किए हुए हैं.



सा

ल 2000 के बाद से विरोध की ये आग और भड़क गई है. यही वजह है कि कई बलूच नेताओं को दूसरे देशों में शरण लेनी पड़ रही है.



हालांकि बलाच पुरदली को भारत में शरण दिए जाने पर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताई है. पाकिस्तान का आरोप है कि भारत ऐसा करके पाकिस्तान में अस्थिरता फैला रहा है. माना जा रहा है कि पाकिस्तान दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है इसलिए वो बौखला उठा है.

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