आंध्र प्रदेश: 1800 साल बाद अमरावती फिर बनेगी राजधानी, मोदी ने रखी नींव
हैदराबाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को आंध्र प्रदेश की नई राजधानी की नींव रखने अमरावती पहुंचे। अमरावती करीब 1800 साल पहले सातवाहन राजाओं की राजधानी हुआ करती थी। इसे अब फिर से राजधानी का दर्जा मिलने जा रहा है। इस फैसले के जरिए ऐतिहासिक, राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के बावजूद नजरअंदाज हुए इस शहर को नई पहचान मिलेगी।
अपडेट्स...
1.40PM: मोदी ने कहा- पीपुल्स कैपिटल बनने जा रही है अमरावती। सरकार बनने के इतने कम वक्त में चंद्रबाबू ने इस काम को जिस गति से हाथ में लिया है, इसके लिए मैं उनका अभिनंदन करता हूं। अर्बन डेवलपमेंट आज समय की मांग है। अर्बन डेवलपमेंट आज समस्या नहीं, एक अवसर है। इसलिए भारत सरकार ने 100 स्मार्ट सिटी बनाने की योजना शुरू की है।
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1.38PM: मोदी ने तेलुगू में अभिवादन कर स्पीच की शुरुआत की। मोदी के आगे के संबोधन का तेलुगू में अनुवाद कर रहे हैं केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू।
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1.21PM: आंध्र के सीएम ने कहा- अमरावती प्रजा की राजधानी होगी। यहां हर जाति, हर धर्म के लोगों के लिए समान अवसर होगा।
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1.18PM: आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू दे रहे हैं स्पीच।
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1.15PM: केंद्रीय मंत्री वेंकैंया नायडू ने कहा- केंद्र सरकार अमरावती को बनाने में हर मदद करेगी। आंध्र प्रदेश और तेलंगना दोनों राज्यों के लिए यह शहर एक अवसर उपलब्ध कराएगा।
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1.05PM: तेलंगना के सीएम केसी राव ने कहा- तेलंगना पूरी हेल्प करेगा। आंध्र प्रदेश के साथ हमेशा खड़े हैं।
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1.00PM: जापान से आए डेलिगेशन के प्रतिनिधि ने कहा कि इतिहास में अमरावती का खास जिक्र। यहां बौद्ध धर्म से जुड़े कलाकृतियों को देख कर अच्छा लगा। बता दें कि कैपिटिल सिटी को डिजाइन करने में जापान और सिंगापुर हेल्प कर रहे हैं।
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12.50PM: पीएम मोदी ने तेलगु में कविता की लाइन पढ़ी।
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12.48PM: स्टेज पर पहुंचे पीएम। कुछ देर में देंगे स्पीच।
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12.40 PM: इसी समय का मुहूर्त निकाला गया था। ठीक इसी वक्त पर नींव रखने के लिए मोदी और आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पूजा की।
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12.34 PM: यज्ञ कुंड तक पहुंचे पीएम। पूजा के जरिए रखी जा रही है नींव।
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12.27 PM: अमरावती का मॉडल देख रहे हैं पीएम मोदी।
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12.20 PM: प्रोग्राम में नायडू की फैमिली से मिले मोदी। वहां एक बच्चे को दुलारा। अपना चश्मा निकाल कर उसे पहनाया।
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12.15 PM: पीएम नरेंद्र मोदी अमरावती पहुंचे।
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> आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने #ManaAmaravatiManaRajadhani से सोशल मीडिया पर सेल्फी अपलोड करने की अपील की है।
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> आंध्र प्रदेश सरकार के प्रोग्राम में चार लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
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> कुछ देर में अमरावती पहुंचने वाले हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
कैसी होगी नई अमरावती?
> एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने अमरावती को राजधानी बनाने के लिए 32,000 एकड़ जमीन ली है। सरकार के पास अब 50,000 एकड़ जमीन है।
> कृष्णा नदी के किनारे विजयवाड़ा-गुंटुर रीजन में नई राजधानी के लिए किसानों की जमीन ली गई है।
> किसी राज्य की यह पहली ऐसी राजधानी होगी जिसे इस तरह जमीन जुटा कर बनाया जा रहा है। इसे लैंड-पूलिंग कॉन्सेप्ट कहा जाता है।
> यह ऐसा पहला शहर होगा जहां पोस्ट डेवलपमेंट में मालिकों को शेयर मिलेगा।
> अमरावती विजयवाड़ा और गुंटुर जैसे शहरों के बीच में आता है। ये शहर नई राजधानी के डेवलपमेंट में कैटेलिस्ट की भूमिका निभा सकते हैं।
> अमरावती से सटे चार नेशनल हाईवे, एक नेशनल वाटर हाईवे, रेलवे का ग्रैंड ट्रंक रूट, तेजी से बढ़ रहा एयरपोर्ट और एक सी-पोर्ट है। यह शहर को फायदा पहुंचाएगा।
> 450 साल तक अमरावती का इलाका आंध्र प्रदेश तेलंगाना, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक तक फैला हुआ था।
> नए डिजाइन के तहत इस शहर को ईस्ट कोस्ट पर इसे 'गेटवे ऑफ इंडिया' के रूप में स्थापित किया जाएगा।
अमरावती को राजधानी बनाने पर सवाल भी उठे
> यहां के किसान फिलहाल साल में तीन बार फसल उगाते हैं। इसलिए यहां की जमीन लेने के फैसले की आलोचना भी हो रही है।
> विजयवाड़ा-गुंटुर जैसे रीजन आर्थिक रूप से यूनीक माने जाते हैं। उन पर दबाव बढ़ सकता है।
> इतिहास के जानकारों और पुरातत्वविदों का कहना है कि जो पुरानी अमरावती है, वह नया शहर बनने के बाद अपनी अहमियत खो देगी।
> लेफ्ट पार्टियों ने शहर को मॉर्डन बनाने और प्लानिंग में सिंगापुर और जापान जैसे देशों पर ज्यादा निर्भर रहने के फैसले पर भी सवाल उठाए हैं।
कैसे बना अमरावती का कॉन्सेप्ट?
> 2 जून 2014- तेलंगाना बना। आंध्र प्रदेश से 13 जिलों के साथ अलग हुआ।
> 8 जून 2014- एन चंद्रबाबू नायडू तीसरी बार आंध्र के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने एलान किया कि प्रदेश के लिए वह नई राजधानी बनाएंगे। जबकि 10 सालों के लिए तेलंगाना के साथ हैदराबाद कॉमन कैपिटल है।
> 1 सितंबर 2014- आंध्र प्रदेश कैबिनेट ने फैसला लिया कि नई राजधानी विजयवाड़ा के करीब होगी।
> अक्टूबर 2014- विजयवाड़ा-गुंटुर रीजन में तुलुर विलेज को राजधानी के रूप में सिलेक्ट किया गया।
> दिसंबर 2014 - नायडू ने सिंगापुर के प्लानर्स को नई राजधानी की डिजाइन करने को कहा।
> 1 जून 2015- स्मार्ट आंध्र गोल अचीव करने के लिए नायडू ने स्मार्ट-विलेज वॉर्ड मैनुअल रिलीज किया।
> 3 जून 2015- कैपिटल के लिए लैंड पार्सल बनाने के लिए गुंटुर में नेलापाडु विलेज में लैंड-पूलिंग को लॉन्च किया गया।
> मार्च 2015- नायडू ने नई राजधानी का नाम अमरावती रखा।
> 6 जून 2015- कृष्णा नदी के किनारे भूमि पूजन किया गया।
> जुलाई 2015 - कैपिटल रिजन के लिए सिंगुपार के प्लानर्स ने मास्टर प्लान पेश किया। इसके बाद राजधानी की नींव रखने की शुरुआत हुई।
> 22 अक्टूबर 2015- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रखेंगे नई राजधानी की नींव।
> अमरावती का पहला फेज 2018 तक पूरा करने का गोल रखा गया है।
> नई राजधानी में नवरत्न का कॉन्सेप्ट रखा गया है। इसके तहत नॉलेज सिटी, फाइनेंशियल सिटी, हेल्थ सिटी, टूरिज्म सिटी, गवर्नमेंट सिटी, स्पोर्ट्स सिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी, जस्टिस सिटी और एजुकेशन सिटी बसाने की कोशिश होगी।
> प्राइवेट बिल्डर्स को 50 मंजिला बिल्डिंग बनाने की मंजूरी होगी। जबकि सरकारी इमारतें 15 तल्ले से ज्यादा ऊंची नहीं होंगी।
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