चंडीगढ़। मोदी के कारण जवान बेटे की लाश लेकर इधर-उधर भटकते रहे मां-बाप
चंडीगढ़। एक तरफ जहां चंडीगढ़ में कल प्रधानमंत्री नेरंद्र मोदी के आने के कारण चंडीगढ़ का चप्पा-चप्पा उनके स्वागत के लिए तैयार था, वहीं एक परिवार के जवान बेटे की लाश को किसी शमशान घाट में जगह न मिली, क्योंकि मोदी के दौरे के कारण रास्ते को बंद किया गया था।
मोदी का काफिला जहां से गुज़रना था, वहां सैक्टर 25 का शमशान घाट पड़ता है। मोदी के कारण यह सभी सड़कें बंद की गई थीं। सुबह से जवान बेटे की लाश लेकर परिवार भटकता रहा और दिन बीतने के साथ-साथ अर्थी का भार बूढ़े पिता के कंधों पर बढ़ता गया।
ये बदनसीब परिवार कोई और नहीं बल्कि कारगिल वार के हीरो रहे रिटायर्ड ब्रिगेडियर देवेंद्र सिंह का था। देवेंद्र सिंह के जवान बेटे की मौत एक दर्दनाक हादसे में हुर्इ थी। एक तरफ़ जहां प्रधानमंत्री के स्वागत में चंडीगढ़ की सड़कें बिछ गई थीं वहीं एक फ़ौजी के परिवार के साथ यह सब हो रहा था।
हार कर स्थिति को देखते हुए परिवार ने मनीमाजरा में अंतिम संस्कार करना चाहा परन्तु वहां भी शमशानघाट में निर्माण कार्य चलता होने के कारण परिवार को इसकी आज्ञा न मिल सकी। इसके बाद निराश परिवार ने मोहाली के शमशानघाट में जाकर अपने बेटे का अंतिम संस्कार किया।
देश की सेवा कर चुके रिटायर्ड ब्रिगेडियर और मृतक के पिता देवेंद्र सिंह ने कहा कि बेटे की मौत ने तो उन्हें तोड़ा ही थी लेकिन प्रधान मंत्री मोदी के कारण उनके परिवार को जो अपमान का सामना करना पड़ा, उसने उन्हें और भी तोड़ दिया। ब्रिगेडियर की पत्नी बेटे की फोटो को सीने से लगाकर घूमती रही और चंडीगढ़ प्रशासन ने एक मां की फ़रियाद तक भी सुननी ठीक नहीं समझी।
चंडीगढ़। एक तरफ जहां चंडीगढ़ में कल प्रधानमंत्री नेरंद्र मोदी के आने के कारण चंडीगढ़ का चप्पा-चप्पा उनके स्वागत के लिए तैयार था, वहीं एक परिवार के जवान बेटे की लाश को किसी शमशान घाट में जगह न मिली, क्योंकि मोदी के दौरे के कारण रास्ते को बंद किया गया था।
मोदी का काफिला जहां से गुज़रना था, वहां सैक्टर 25 का शमशान घाट पड़ता है। मोदी के कारण यह सभी सड़कें बंद की गई थीं। सुबह से जवान बेटे की लाश लेकर परिवार भटकता रहा और दिन बीतने के साथ-साथ अर्थी का भार बूढ़े पिता के कंधों पर बढ़ता गया।
ये बदनसीब परिवार कोई और नहीं बल्कि कारगिल वार के हीरो रहे रिटायर्ड ब्रिगेडियर देवेंद्र सिंह का था। देवेंद्र सिंह के जवान बेटे की मौत एक दर्दनाक हादसे में हुर्इ थी। एक तरफ़ जहां प्रधानमंत्री के स्वागत में चंडीगढ़ की सड़कें बिछ गई थीं वहीं एक फ़ौजी के परिवार के साथ यह सब हो रहा था।
हार कर स्थिति को देखते हुए परिवार ने मनीमाजरा में अंतिम संस्कार करना चाहा परन्तु वहां भी शमशानघाट में निर्माण कार्य चलता होने के कारण परिवार को इसकी आज्ञा न मिल सकी। इसके बाद निराश परिवार ने मोहाली के शमशानघाट में जाकर अपने बेटे का अंतिम संस्कार किया।
देश की सेवा कर चुके रिटायर्ड ब्रिगेडियर और मृतक के पिता देवेंद्र सिंह ने कहा कि बेटे की मौत ने तो उन्हें तोड़ा ही थी लेकिन प्रधान मंत्री मोदी के कारण उनके परिवार को जो अपमान का सामना करना पड़ा, उसने उन्हें और भी तोड़ दिया। ब्रिगेडियर की पत्नी बेटे की फोटो को सीने से लगाकर घूमती रही और चंडीगढ़ प्रशासन ने एक मां की फ़रियाद तक भी सुननी ठीक नहीं समझी।
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