सूचना आयुक्त ने साझा की काम की बातें
राजस्थान सूचना आयोग के अध्यक्ष पीएल अग्रवाल ने सूचना के अधिकार को लेकर अधिकारियों को दिए टिप्स, कहा- आरटीआई से बढी पारदर्षिता, रूका भ्रष्टाचार
जैसलमेर, 18 सितंबर। राज्य सूचना आयोग के आयुक्त पीएल अग्रवाल शुक्रवार को जैसलमेर आए। यहां उन्होंने कलक्ट्रेट सभागार में कलक्टर विष्व मोहन शर्मा और एसपी डाॅ राजीव पचार की मौजूदगी में जिला स्तरीय अधिकारियों को सूचना के अधिकार अधिनियम से जुड़े टिप्स दिए और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
इस मौके पर अग्रवाल ने कहा कि सूचना का अधिकार शासन व प्रषासन में शुचिता की दिषा में महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ है। इसके लागू होने से पारदर्षिता बढी है, भ्रष्टाचार कम हुआ है और इसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं। हमारी मूल भावना यह होनी चाहिए कि हम नागरिकों को उचित सूचनाएं उपलब्ध कराएं क्योंकि जनता के पैसे से होने वाले कामकाज के बारे में जानने का हक जनता को है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर दफ्तरों में आरटीआई को लेकर अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसका प्रमुख कारण यह है कि ज्यादातर लोगों ने एक्ट को ढंग से पढा ही नहीं है। यदि हम एक बार अच्छे से सूचना का अधिकार अधिनियम को पढ लें और समझ लें तो बाद में संषय और समस्या का कोई कारण ही नहीं रह जाएगा। उन्होंने कहा कि सूचना के लिए किए जाने वाले आवेदन को टालने, टरकाने और अंतिम तिथि तक धकेलने की प्रवृत्ति से भी दिक्कत पैदा होती है क्योंकि अंतिम समय में हड़बड़ाहट में सूचना तैयार करनी पड़ती है। इससे बेहतर है कि आवेदन मिलते ही सूचना तैयार करने की कार्रवाई की जाए।
आरटीआई के संबंध में विभिन्न जानकारियां साझा करते हुए अग्रवाल ने कहा कि सूचनाएं किसी नागरिक को ही दी जा सकती हैं। किसी संस्था या संगठन के बैनर पर सूचना दी जानी आवष्यक नहीं है। केवल लोक प्राधिकरण के संबंध में ही सूचना मांगी जा सकती है यानि अमुक संस्था में सरकार का समुचित पैसा लगा होना चाहिए। निजी संस्थाओं के संबंध में सूचनाएं नहीं मांगी जा सकती हैं। सूचना कार्यालय में जिस रूप में संधारित है, उसी रूप में दी जा सकती है। आवेदक द्वारा चाहे गए फोरमेट में सूचना तैयार करना या सूचना का सृजन करना अधिनियम के दायरे में नहीं है। उसके लिए इनकार किया जा सकता है। सूचना सदैव राज्य लोक सूचना अधिकारी या सहायक लोक सूचना अधिकारी के हस्ताक्षरों से ही जारी की जानी चाहिए। अधिनियम में यह भी प्रावधान है कि कार्यालय से संबंधित 17 प्रकार की सूचना पब्लिक डोमेन में प्रदर्षित की जाएं ताकि उन सूचनाओं के लिए आमजन को आवेदन नहीं करना पड़े और इस प्रकार सूचना मांगे जाने के प्रकरणों में भी कमी आए। इन सूचनाओं को चाहे जाने पर आवेदन को पोर्टल का पता उपलब्ध कराया जा सकता है। सूचना के आवेदन के साथ दस रुपए का पोस्टल आॅर्डर संलग्न होना चाहिए। आवेदक के बीपीएल होने के प्रकरण में सूचना निःषुल्क दी जानी है लेकिन उसके बीपीएल कार्ड की सत्यापित प्रति चाही जा सकती है। आवेदक द्वारा बहुत लंबी सूचना चाहे जाने पर यदि उसे तैयार करने में दफ्तर के संसाधन विचलित होते हों तो वह सूचना संसाधनों में अदेय कहकर देने से इनकार किया जा सकता है। दूसरे कार्यालय के संबंध में सूचना मांगे जाने पर 5 दिन में संबंधित को आवेदन ट्रांसफर करें अन्यथा सूचना देने का दायित्व आवेदन लेने वाले प्रथम अधिकारी पर ही होगा। आवेदक को फोटोप्रति शुल्क के लिए लिखे जाने वाले पत्र में यह भी लिखा जाना चाहिए कि यदि वह शुल्क की गणना से असंतुष्ट है तो अपीलेंट अधिकारी को लिख सकता है। अपीलेंट अधिकारी कौन है, इसकी सूचना भी आवेदक को देनी होगी। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति या कार्मिक के संबंध में मांगी गई व्यक्तिगत सूचनाएं उस तृतीय पक्ष की सहमति के बाद ही दी जा सकती हैं। यदि राज्य हित मंें ऐसी सूचना देना आवष्यक हो तो राज्य लोक सूचना अधिकारी अपने स्तर पर निर्णय क रवह सूचना दे सकता है। पुलिस द्वारा यह समझे जाने पर कि सूचना देने से जांच प्रभावित होगी, अंडर इन्वेस्टिगेषन प्रकरणों की सूचनाएं दी जानी जरूरी नहीं है लेकिन किसी प्रकरण में चालान प्रस्तुत होने के बाद सूचना दी जा सकती हैं। किसी लेखक की पुस्तक जिसका काॅपीराइट संबंधित लेखक के पास है, की प्रति इस अधिकार में उलपब्ध नहीं कराई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि अपीलों की सुनवाई में अधिकारियों व संबंधित आवेदन का समय व धन बर्बाद होता है, इसलिए जो सूचनाएं देय हैं, उन्हें देने में हिचके नहीं और आवेदक को सूचना उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि यदि किसी लोक सूचना अधिकारी पर जुर्माना होता है और वेतन से वह राषि कटती है तो निस्संदेह उसे बहुत तकलीफ होती है लेकिन स्वयं लोक सूचना अधिकारी की लापरवाही के चलते इस प्रकार के निर्णय लेने पड़ते हैं।
जिला कलक्टर विष्व मोहन शर्मा ने जिले में आरटीआई के आवेदनों की स्थिति के बारे में सूचना आयुक्त को अवगत कराते हुए बताया गया कि आमजन को देय सूचनाएं यथासंभव दिए जाने का प्रयास रहता है। एसपी डाॅ राजीव पचार ने भी सुझाव दिए। इस दौरान एडीएम भागीरथ शर्मा, डीएफओ ख्याति माथुर, एसडीएम जयसिंह, तहसीलदार धर्मराज गुर्जर, जिला माध्यमिक षिक्षा अधिकारी हरिप्रकाष डिंडोर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।
---
मेगा विधिक चेतना षिविर में हो माकूल व्यवस्थाएं: व्यास
इस मौके पर अग्रवाल ने कहा कि सूचना का अधिकार शासन व प्रषासन में शुचिता की दिषा में महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ है। इसके लागू होने से पारदर्षिता बढी है, भ्रष्टाचार कम हुआ है और इसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं। हमारी मूल भावना यह होनी चाहिए कि हम नागरिकों को उचित सूचनाएं उपलब्ध कराएं क्योंकि जनता के पैसे से होने वाले कामकाज के बारे में जानने का हक जनता को है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर दफ्तरों में आरटीआई को लेकर अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसका प्रमुख कारण यह है कि ज्यादातर लोगों ने एक्ट को ढंग से पढा ही नहीं है। यदि हम एक बार अच्छे से सूचना का अधिकार अधिनियम को पढ लें और समझ लें तो बाद में संषय और समस्या का कोई कारण ही नहीं रह जाएगा। उन्होंने कहा कि सूचना के लिए किए जाने वाले आवेदन को टालने, टरकाने और अंतिम तिथि तक धकेलने की प्रवृत्ति से भी दिक्कत पैदा होती है क्योंकि अंतिम समय में हड़बड़ाहट में सूचना तैयार करनी पड़ती है। इससे बेहतर है कि आवेदन मिलते ही सूचना तैयार करने की कार्रवाई की जाए।
आरटीआई के संबंध में विभिन्न जानकारियां साझा करते हुए अग्रवाल ने कहा कि सूचनाएं किसी नागरिक को ही दी जा सकती हैं। किसी संस्था या संगठन के बैनर पर सूचना दी जानी आवष्यक नहीं है। केवल लोक प्राधिकरण के संबंध में ही सूचना मांगी जा सकती है यानि अमुक संस्था में सरकार का समुचित पैसा लगा होना चाहिए। निजी संस्थाओं के संबंध में सूचनाएं नहीं मांगी जा सकती हैं। सूचना कार्यालय में जिस रूप में संधारित है, उसी रूप में दी जा सकती है। आवेदक द्वारा चाहे गए फोरमेट में सूचना तैयार करना या सूचना का सृजन करना अधिनियम के दायरे में नहीं है। उसके लिए इनकार किया जा सकता है। सूचना सदैव राज्य लोक सूचना अधिकारी या सहायक लोक सूचना अधिकारी के हस्ताक्षरों से ही जारी की जानी चाहिए। अधिनियम में यह भी प्रावधान है कि कार्यालय से संबंधित 17 प्रकार की सूचना पब्लिक डोमेन में प्रदर्षित की जाएं ताकि उन सूचनाओं के लिए आमजन को आवेदन नहीं करना पड़े और इस प्रकार सूचना मांगे जाने के प्रकरणों में भी कमी आए। इन सूचनाओं को चाहे जाने पर आवेदन को पोर्टल का पता उपलब्ध कराया जा सकता है। सूचना के आवेदन के साथ दस रुपए का पोस्टल आॅर्डर संलग्न होना चाहिए। आवेदक के बीपीएल होने के प्रकरण में सूचना निःषुल्क दी जानी है लेकिन उसके बीपीएल कार्ड की सत्यापित प्रति चाही जा सकती है। आवेदक द्वारा बहुत लंबी सूचना चाहे जाने पर यदि उसे तैयार करने में दफ्तर के संसाधन विचलित होते हों तो वह सूचना संसाधनों में अदेय कहकर देने से इनकार किया जा सकता है। दूसरे कार्यालय के संबंध में सूचना मांगे जाने पर 5 दिन में संबंधित को आवेदन ट्रांसफर करें अन्यथा सूचना देने का दायित्व आवेदन लेने वाले प्रथम अधिकारी पर ही होगा। आवेदक को फोटोप्रति शुल्क के लिए लिखे जाने वाले पत्र में यह भी लिखा जाना चाहिए कि यदि वह शुल्क की गणना से असंतुष्ट है तो अपीलेंट अधिकारी को लिख सकता है। अपीलेंट अधिकारी कौन है, इसकी सूचना भी आवेदक को देनी होगी। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति या कार्मिक के संबंध में मांगी गई व्यक्तिगत सूचनाएं उस तृतीय पक्ष की सहमति के बाद ही दी जा सकती हैं। यदि राज्य हित मंें ऐसी सूचना देना आवष्यक हो तो राज्य लोक सूचना अधिकारी अपने स्तर पर निर्णय क रवह सूचना दे सकता है। पुलिस द्वारा यह समझे जाने पर कि सूचना देने से जांच प्रभावित होगी, अंडर इन्वेस्टिगेषन प्रकरणों की सूचनाएं दी जानी जरूरी नहीं है लेकिन किसी प्रकरण में चालान प्रस्तुत होने के बाद सूचना दी जा सकती हैं। किसी लेखक की पुस्तक जिसका काॅपीराइट संबंधित लेखक के पास है, की प्रति इस अधिकार में उलपब्ध नहीं कराई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि अपीलों की सुनवाई में अधिकारियों व संबंधित आवेदन का समय व धन बर्बाद होता है, इसलिए जो सूचनाएं देय हैं, उन्हें देने में हिचके नहीं और आवेदक को सूचना उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि यदि किसी लोक सूचना अधिकारी पर जुर्माना होता है और वेतन से वह राषि कटती है तो निस्संदेह उसे बहुत तकलीफ होती है लेकिन स्वयं लोक सूचना अधिकारी की लापरवाही के चलते इस प्रकार के निर्णय लेने पड़ते हैं।
जिला कलक्टर विष्व मोहन शर्मा ने जिले में आरटीआई के आवेदनों की स्थिति के बारे में सूचना आयुक्त को अवगत कराते हुए बताया गया कि आमजन को देय सूचनाएं यथासंभव दिए जाने का प्रयास रहता है। एसपी डाॅ राजीव पचार ने भी सुझाव दिए। इस दौरान एडीएम भागीरथ शर्मा, डीएफओ ख्याति माथुर, एसडीएम जयसिंह, तहसीलदार धर्मराज गुर्जर, जिला माध्यमिक षिक्षा अधिकारी हरिप्रकाष डिंडोर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।
---
मेगा विधिक चेतना षिविर में हो माकूल व्यवस्थाएं: व्यास
जिला मुख्यालय स्थित सागरमल गोपा स्कूल में विधिक चेतना और लोक कल्याणकारी षिविर को लेकर डीजे व्यास व डीएम शर्मा ने बैठक में अधिकारियों को दिए निर्देष
जैसलमेर, 18 सितंबर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जिला प्रषासन व समाज कल्याण विभाग के सहयोग से 20 सितंबर को जिला मुख्यालय के शहीद सागरमल गोपा स्कूल में होने वाले षिविर की तैयारियों को लेकर जिला एवं सेषन न्यायाधीष नरसिंह दास व्यास तथा जिला कलक्टर विष्व मोहन शर्मा ने शुक्रवार को अधिकारियों की बैठक लेकर आवष्यक निर्देष दिए।
जिला एवं सेषन न्यायाधीष व्यास ने विभिन्न तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि षिविर का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाना जरूरी है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें लाभान्वित हो सके। इसलिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार कराएं तथा इसके पैंफलेट भी वितरित करें। उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर वर्गों के मध्य विधिक जागरुकता पैदा करने के लिए तथा सरकारी जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने व योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए यह षिविर आयोजित किया जा रहा है। हम सभी का यह प्रयास होना चाहिए कि षिविर अपनी सफलता व सार्थकता स्वयं तय करे। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के अधिकारी दिए गए दायित्वों का निष्ठा के साथ पालन करें और षिविर को सफल बनाएं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देष दिए कि षिविर में विषेषज्ञों की उपस्थिति सुनिष्चित करें।
जिला कलक्टर विष्व मोहन शर्मा ने कहा कि षिविर में सहभागिता के लिए जिन अधिकारियों को जो दायित्व दिए गए हैं, वे उनकी पालना सुनिष्चित करें और यह देखें कि षिविर की व्यवस्थाओं में किसी प्रकार की कमी नहीं रहनी चाहिए। षिविर में जरूरतमंदों को समुचित लाभ मिलना ही चाहिए।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेषक हिम्मत सिंह कविया ने अब तक की गई तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि षिविर का रात्रि चैपाल, समाचार पत्र, इलेक्ट्राॅनिक मीडिया व समाचार पत्रों के जरिए समुचित प्रचार प्रसार किया गया है। उन्होंने बताया कि षिविर में मेडिकल बोर्ड द्वारा विषेष योग्यजनों को विकलांगता के प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से जरूरतमंद विषेष योग्यजनों को बैषाखी व ट्राईसाईकिलें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही विभाग की अन्य योजनाओं के आवेदन भी तैयार किए जाएंगे। षिविर में जाति व मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए भी तहसीलदार व उपखंड अधिकारी द्वारा काउंटर स्थापित किया जाएगा। पंचायत राज विभाग की ओर से अपनी योजनाओं के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा पेंषन की स्वीकृति जारी की जाएगी। षिविर की श्रम विभाग की ओर से श्रमिक योजनाओं के संबंध में श्रमिकों का पंजीयन किया जाएगा। आगार प्रबंधक व रेल्वे द्वारा विषेष योग्यजनों को किराया रियायती पास जारी करने के लिए आवेदन लिए जाएंगे। षिविर में अनुजा निगम की ओर से संबंधी योजनाओं की जानकारी प्रदान की जाएगी तथा आवेदन तैयार कराए जाएंगे। सर्व षिक्षा अभियान की ओर से विषेष योग्यजनों से संबंधित संचालित एस्काॅर्ट भत्ता व षिक्षा विभाग की योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। जिला नियोजन अधिकारी अपने विभाग से संबंधित योजनाओं की जानकारी देंगे। कोषाधिकारी द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंषन के भुगतान संबंधी परिवेदनाओं का निस्तारण किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग तथा अल्पसंख्यक विभाग की ओर से भी संबंधित योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनवर अहमद चैहान, श्रम कल्याण अधिकारी भवानी प्रताप चारण, पीएमओ डाॅ बीएल वर्मा सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
--
बैठक शनिवार को
जैसलमेर, 18 सितंबर। जिले में वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के जिला स्तर पर चयन व समुचित प्रबंध व्यवस्था के लिए गठित समिति की बैठक शनिवार 19 सितंबर को सवेरे 11 बजे आयोजित की जाएगी।
योजना के नोडल अधिकारी जिला परिषद के सीईओ बलदेव सिंह उज्जवल ने बताया कि बैठक में योजना के संबंध में विभिन्न दृष्टिकोण से विचार-विमर्ष किया जाएगा।
---
माधोपुरा में श्रमिक पंजीयन षिविर सोमवार को
जैसलमेर, 18 सितंबर। सांकड़ा पंचायत समिति के माधोपुरा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सोमवार को श्रमिक पंजीयन षिविर का आयोजन किया जाएगा।
जिला श्रम कल्याण अधिकारी भवानी प्रताप चारण ने बताया कि कोई भी श्रमिक जो कमठा पर कार्य करते हों या नरेगा में काम किया हो, वे अपने आवष्यक दस्तावेज यथा राषन कार्ड, आधार कार्ड, भामाषाह कार्ड, नरेगा जाॅब कार्ड, तीन फोटो साथ लेकर अपने ग्राम पंचायत भवन में उपस्थित होकर पंजीयन करा सकते हैं। एक पंजीयन से श्रमिकों को अनेक योजनाओं का लाभ मिलेगा। अधिक जानकारी के लिए सरपंच या ग्रामसेवक से संपर्क किया जा सकता है।
--ष्
जिला एवं सेषन न्यायाधीष व्यास ने विभिन्न तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि षिविर का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाना जरूरी है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें लाभान्वित हो सके। इसलिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार कराएं तथा इसके पैंफलेट भी वितरित करें। उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर वर्गों के मध्य विधिक जागरुकता पैदा करने के लिए तथा सरकारी जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने व योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए यह षिविर आयोजित किया जा रहा है। हम सभी का यह प्रयास होना चाहिए कि षिविर अपनी सफलता व सार्थकता स्वयं तय करे। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के अधिकारी दिए गए दायित्वों का निष्ठा के साथ पालन करें और षिविर को सफल बनाएं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देष दिए कि षिविर में विषेषज्ञों की उपस्थिति सुनिष्चित करें।
जिला कलक्टर विष्व मोहन शर्मा ने कहा कि षिविर में सहभागिता के लिए जिन अधिकारियों को जो दायित्व दिए गए हैं, वे उनकी पालना सुनिष्चित करें और यह देखें कि षिविर की व्यवस्थाओं में किसी प्रकार की कमी नहीं रहनी चाहिए। षिविर में जरूरतमंदों को समुचित लाभ मिलना ही चाहिए।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेषक हिम्मत सिंह कविया ने अब तक की गई तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि षिविर का रात्रि चैपाल, समाचार पत्र, इलेक्ट्राॅनिक मीडिया व समाचार पत्रों के जरिए समुचित प्रचार प्रसार किया गया है। उन्होंने बताया कि षिविर में मेडिकल बोर्ड द्वारा विषेष योग्यजनों को विकलांगता के प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से जरूरतमंद विषेष योग्यजनों को बैषाखी व ट्राईसाईकिलें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही विभाग की अन्य योजनाओं के आवेदन भी तैयार किए जाएंगे। षिविर में जाति व मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए भी तहसीलदार व उपखंड अधिकारी द्वारा काउंटर स्थापित किया जाएगा। पंचायत राज विभाग की ओर से अपनी योजनाओं के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा पेंषन की स्वीकृति जारी की जाएगी। षिविर की श्रम विभाग की ओर से श्रमिक योजनाओं के संबंध में श्रमिकों का पंजीयन किया जाएगा। आगार प्रबंधक व रेल्वे द्वारा विषेष योग्यजनों को किराया रियायती पास जारी करने के लिए आवेदन लिए जाएंगे। षिविर में अनुजा निगम की ओर से संबंधी योजनाओं की जानकारी प्रदान की जाएगी तथा आवेदन तैयार कराए जाएंगे। सर्व षिक्षा अभियान की ओर से विषेष योग्यजनों से संबंधित संचालित एस्काॅर्ट भत्ता व षिक्षा विभाग की योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। जिला नियोजन अधिकारी अपने विभाग से संबंधित योजनाओं की जानकारी देंगे। कोषाधिकारी द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंषन के भुगतान संबंधी परिवेदनाओं का निस्तारण किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग तथा अल्पसंख्यक विभाग की ओर से भी संबंधित योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनवर अहमद चैहान, श्रम कल्याण अधिकारी भवानी प्रताप चारण, पीएमओ डाॅ बीएल वर्मा सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
--
बैठक शनिवार को
जैसलमेर, 18 सितंबर। जिले में वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के जिला स्तर पर चयन व समुचित प्रबंध व्यवस्था के लिए गठित समिति की बैठक शनिवार 19 सितंबर को सवेरे 11 बजे आयोजित की जाएगी।
योजना के नोडल अधिकारी जिला परिषद के सीईओ बलदेव सिंह उज्जवल ने बताया कि बैठक में योजना के संबंध में विभिन्न दृष्टिकोण से विचार-विमर्ष किया जाएगा।
---
माधोपुरा में श्रमिक पंजीयन षिविर सोमवार को
जैसलमेर, 18 सितंबर। सांकड़ा पंचायत समिति के माधोपुरा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सोमवार को श्रमिक पंजीयन षिविर का आयोजन किया जाएगा।
जिला श्रम कल्याण अधिकारी भवानी प्रताप चारण ने बताया कि कोई भी श्रमिक जो कमठा पर कार्य करते हों या नरेगा में काम किया हो, वे अपने आवष्यक दस्तावेज यथा राषन कार्ड, आधार कार्ड, भामाषाह कार्ड, नरेगा जाॅब कार्ड, तीन फोटो साथ लेकर अपने ग्राम पंचायत भवन में उपस्थित होकर पंजीयन करा सकते हैं। एक पंजीयन से श्रमिकों को अनेक योजनाओं का लाभ मिलेगा। अधिक जानकारी के लिए सरपंच या ग्रामसेवक से संपर्क किया जा सकता है।
--ष्
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें