जैसलमेर। तीन दिवसीय फाउंडेशन कोर्स शिविर संपन्न
जैसलमेर स्थानीय राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पुलिस लाइन में चल रहे तीन दिवसीय फाउंडेशन काेर्स सीसीआरटी का समापन माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी हरिप्रकाश डेंडोर की अध्यक्षता एवं प्रधानाध्यापक जेठुसिंह के मुख्य आतिथ्य में किया गया।
प्रथम सत्र में जिला संदर्भ व्यक्ति देवकिशन चारण ने क्षेत्रीय भाषााअों के गीतों का संभागियों से अभ्यास कराया। चारण ने मराठी, उडिया, भोजपुरी, पंजाबी भाषाओं के गीतों का प्रस्तुतीकरण दिया। इसके उपरांत प्रशिक्षण सहायक गोपाल कृष्ण द्वारा संभागियों द्वारा अर्जित जानकारी को परखने के लिए प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम रखा गया जिसमें सभी संभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
चारण द्वारा संभागियों से भारतीय संस्कृति को समावेशित करते हुए शिक्षण योजना का निर्माण करया गया एवं उनका मार्गदर्शन किया गया। गोपाल कृष्ण द्वारा इसी क्रम में जिला स्तरीय परंपरागत सांस्कृतिक स्त्रोतों के अंतिम सूचीकरण में स्थानीय दर्शनीय, पर्यटन स्थलों, मेले, त्यौहारों, ग्रामीण परंपराओं रीति रिवाज व लोकगीत, लोकनाट्य का संग्रह कराया गया।
माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी ने उपस्थित संभागियों को संबाेधित करते हुए कहा कि शिक्षक बनना एक गुरूत्तर दायित्व है। शिक्षक अपने आचरण द्वारा विद्यार्थियों में अच्छे संस्कारों का संचार करता है। डेंडोर ने संभागियों से आह्वान किया कि वे अपने विद्यार्थियों को नौ रस से परिपूर्ण कर मनाव बनाएं। संस्था प्रधान जेठुसिंह माली ने भी उपस्थित शिक्षकों से अपील की कि वे छात्र-छात्राओं को स्थानीय सांस्कृतिक स्त्रोतों का लाभ लेते हुए अच्छे संस्कारों से युक्त सुयोग्य नागरिक बनाएं।
जैसलमेर स्थानीय राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पुलिस लाइन में चल रहे तीन दिवसीय फाउंडेशन काेर्स सीसीआरटी का समापन माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी हरिप्रकाश डेंडोर की अध्यक्षता एवं प्रधानाध्यापक जेठुसिंह के मुख्य आतिथ्य में किया गया।
प्रथम सत्र में जिला संदर्भ व्यक्ति देवकिशन चारण ने क्षेत्रीय भाषााअों के गीतों का संभागियों से अभ्यास कराया। चारण ने मराठी, उडिया, भोजपुरी, पंजाबी भाषाओं के गीतों का प्रस्तुतीकरण दिया। इसके उपरांत प्रशिक्षण सहायक गोपाल कृष्ण द्वारा संभागियों द्वारा अर्जित जानकारी को परखने के लिए प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम रखा गया जिसमें सभी संभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
चारण द्वारा संभागियों से भारतीय संस्कृति को समावेशित करते हुए शिक्षण योजना का निर्माण करया गया एवं उनका मार्गदर्शन किया गया। गोपाल कृष्ण द्वारा इसी क्रम में जिला स्तरीय परंपरागत सांस्कृतिक स्त्रोतों के अंतिम सूचीकरण में स्थानीय दर्शनीय, पर्यटन स्थलों, मेले, त्यौहारों, ग्रामीण परंपराओं रीति रिवाज व लोकगीत, लोकनाट्य का संग्रह कराया गया।
माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी ने उपस्थित संभागियों को संबाेधित करते हुए कहा कि शिक्षक बनना एक गुरूत्तर दायित्व है। शिक्षक अपने आचरण द्वारा विद्यार्थियों में अच्छे संस्कारों का संचार करता है। डेंडोर ने संभागियों से आह्वान किया कि वे अपने विद्यार्थियों को नौ रस से परिपूर्ण कर मनाव बनाएं। संस्था प्रधान जेठुसिंह माली ने भी उपस्थित शिक्षकों से अपील की कि वे छात्र-छात्राओं को स्थानीय सांस्कृतिक स्त्रोतों का लाभ लेते हुए अच्छे संस्कारों से युक्त सुयोग्य नागरिक बनाएं।
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