बाॅर्डर पर खतरा! घुसपैठिए कर रहे बिना सिम वाला फोन इस्तेमाल
देश में दहशत फैलाने के लिए सीमा पार से घुसपैठ करने वाले आतंकी अब एेसी माेबाइल तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसकी काट सुरक्षा एजेंसियों के पास भी नहीं है।
द हिंदू में प्रकाशित एक समाचार के मुताबिक इस तकनीक में बिना किसी मोबाइल नेटवर्क के संदेश वैरी हार्इ फ्रीक्वेंसी वीएचएफ पर प्रसारित किए जा सकते हैं। इन संदेशों को पकड़ा नहीं जा सकता।
हाल ही में राफियाबाद इलाके में दबोचे गए एक आतंकी सज्जाद अहमद ने यह सनसनीखेज खुलासा किया तो सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए।
अहमद ने पूछताछ में बताया कि मोबाइल को साधारण रेडियो से पेयर्ड कर उस पर छोटे एसएमएस या लोकेशन या एसआेएस प्रसारित किए जा सकते हैं। इन संदेशों को सुरक्षा उपकरण नहीं पकड़ पाते हैं।
इससे पहले सुरक्षा एजेंसियों को सीमा पार से आने वाले घुसपैठियों के पास बिना सिम वाले मोबाइल फोन बरामद हुए थे। सुरक्षा एजेंसियों का मानना था कि आतंकी मोबाइल के सिम कशमीर से खरीदना चाहते होंगे।
लेकिन अहमद की धरपकड़ में उसके पास से मिले पेयर्ड सैमसंग मोबाइल फोन आैर वायरलैस सैट के सिस्टम ने सारी पोल खाेल दी। अहमद ने राज उगला है कि इसे वार्इएसएमएस एप्लीकेशन कहा जाता है। मोबाइल की जगह वे इसी एप्लीकेशन का प्रयोग किया करते हैं ताकि सुरक्षा एजेंसी उन्हें न पकड़ सके।
घुसपैठ में शामिल एक आतंकी अबु शोएब इस सिस्टम को अपनी संभावित मौत से पहले नष्ट करना चाहता था लेकिन अहमद ने उसे एेसा करने से रोक दिया। अब यही सिस्टम अहमद के पास से बरामद हुआ है।
पता चला है कि इस तकनीक का विकास अमरीका में अक्टूबर 2012 में आए एक हरीकेन के दौरान संदेश प्रसारित करने के लिए किया गया था। इस विध्वंसकारी हरीकेन में सारे मोबाइल टाॅवर्स नष्ट होेने की वजह से सभी सेल फोन निष्क्रिय हो गए थे आैर संदेश आदान प्रदान का काेर्इ जरिया नहीं बचा था।
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