बाड़मेर। समता की साधना का महान अनुश्ठान है सामायिक - साध्वी संघप्रभा
बाड़मेर। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी संघप्रभा (ठाणा 5) के सानिध्य में तेरापंथ भवन भिक्षु कुंज में पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व का तीसरा दिन सामायिक दिवस के रूप मंे आयोजित किया गया। साध्वी संघप्रभा ने सामायिक को समता की साधना का महान अनुष्ठान बताते हुए कहा विषमता सब पापों की जड़ है सामायिक में अठारह पापों का त्याग किया जाता है। साध्वी प्रांशुप्रभा ने विषय प्रस्तुति के क्रम में अपने प्राग्वत्रम्य में कहा कि सामायिक श्रावक का नौवा व्रत हैं। यह एक घड़ी की ऐसी उपासना विधि है जिससे व्यक्ति आध्यात्मिक टोनिक प्राप्त करता है। भगवान महावीर की समग्र देशना का सार है सामायिक। कार्यक्रम मंगलाचारण पुखराज बोकडि़या ने किया। इस अवसर पर बायतु से समागत मानमल छाजेड़ ने भावाभिव्यक्ति की। साध्वी अखिलयशा व साध्वी मृदुप्रभा ने गीत प्रस्तुत किया। अन्त में साध्वी संघप्रभा ने तेरापंथ के संविधान का उल्लेख करते हुए सामायिक को संयम, चारित्र की अनुपालना महत्वपूर्ण उपक्रम बताते हुए कहा यह श्रमण संस्कृति के सम्पूर्ण धर्मों में मोक्षप्राप्ति का मुख्य हेतु है। इस कार्यक्रम में विशेष व्यक्तियों में तेरापंथ सभा के अध्यक्ष रतनलाल गोलेच्छा, उपाध्यक्ष पारसमल गोलेच्छा एवं जैन धर्मावलम्बी कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें