शुक्रवार, 11 सितंबर 2015

बाड़मेर।संगीत प्रतियोगिता का कार्यक्रम हुआ आयोजित

बाड़मेर।संगीत प्रतियोगिता का कार्यक्रम हुआ आयोजित


बाड़मेर। महातपसवी आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुषिष्या साध्वी श्री संघप्रभा (ठाणा5) के पावन सानिध्य में जैन श्वेताम्बर तेरापंथ भिक्षु कुंज के तत्वाधान में संगीत प्रतियोगिता का कार्यक्रम हुआ आयोजित।



श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ ट्रस्ट समाज के उपाध्यक्ष पारसमल गोलेच्छा ने बताया की स्थानिय तेरापंथ भिक्षु कुंज में तारिख 10 सितम्बर रात्री 8.30 बजे आचार्य श्री महाश्रमण की विदुषी सुषिष्या साध्वी श्री संघप्रभा के पावनसानिध्य में संगीत प्रतियोगिता का कार्यक्रम की शुरूवात श्रीमती लीला जैन मंगला चरण संे किय। शुरूवात इस प्रतियोगिता में तेतीस सदस्यों ने प्रतियोगिता में भाग लिया। जिसमें प्रथम स्थान पर रूचिका मालू, द्वितीय पर श्रद्धा धारीवाल, तुतीय पर जितेन्द्र बाठिया रहे। इस कार्यक्रम की निर्णायक की भुमिका पुरूषोतमदास परम, मुकेष बोहरा ‘अमन’ सी.सै. बालिका स्कुल की मैडम इन्द्रा जैन ने निभाई, प्रथम, द्वितिय,तुतीय को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। साध्वी श्री अखिल यष, साध्वी श्री मृदुप्रभा, साध्वी श्री प्रांषुप्रभा ने मधुर संगीत संगान कर भाव व्यक्त किया

साध्वी संघप्रभा ने कहा संगीत एक कला है जो पत्थर में भी फंूक देती है। भारतीय संगीत का इतिहास इस तथ्य का जीवन्त साक्षी है कि जग दीपक राग व मेघ मल्हार जैसी रागों का गायन होता तो बुझे हुए दीप जल जाया करते थे और बिना मौसमही मेघ बरस जाया करते थे। वस्तुतः वही संगीत संगीत है जो भ्व-भ्व के बन्धनों को तोड़ दे और चेतना के तारों को प्रभु से जोड़ दे।

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