शनिवार, 26 सितंबर 2015

इस्लामाबाद।पाकिस्तान में 15 साल की उम्र में हत्या के दोषी को होगी फांसी



इस्लामाबाद।पाकिस्तान में 15 साल की उम्र में हत्या के दोषी को होगी फांसी


पाकिस्तान में अगले सप्ताह एक ऐसे व्यक्ति को फांसी दी जानी है जिसके वकील ने दावा किया है कि हत्या के अपराध में जब उनके मुवक्किल अंसार इकबाल को गिरफ्तार किया गया तब वह नाबालिग था और उस समय उसकी उम्र मात्र 15 साल थी।

इकबाल ने बताया कि पड़ोसी की हत्या के आरोप में जब उसे और उसके दोस्त को 16 साल पहले गिरफ्तार किया गया था तब वह 15 साल का था। पीडि़त के परिजनों के अनुसार क्रिकेट के एक मैच के दौरान हुए विवाद के कारण इकबाल और उसके दोस्त ने इस हत्या को अंजाम दिया। तो वहीं, दूसरी ओर इकबाल का कहना है कि पुलिस ने दो गन उसके घर मे छिपाकर उसे जबरन इस हत्या मामले में फंसाया था।

पाकिस्तान में गरीबों को न्यायिक मदद मुहैया कराने वाले ब्रिटिश समूह रिप्राइव ने बताया कि पाकिस्तानी कानून में नाबालिगों को फांसी नहीं दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन इकबाल के मुकदमे की सुनवायी कर रही अदालत ने अपराध के समय इकबाल के नाबालिग होने संबंधी दस्तावेजों को यह कहते हुए संज्ञान में लेने से इंकार कर दिया कि ये दस्तावेज देरी से पेश किए गए हैं। समूह ने जारी बयान में कहा कि इकबाल के पुराने स्कूल रिकॉर्ड और इसी साल जारी किए गए उसके नए जन्मप्रमाण पत्र में अपराध के समय उसकी उम्र कमश: 14 और 15 साल बतायी गई हैं। पाकिस्तान में रिकॉर्ड रखने का काम बेहद खराब तरीके से किया जाता है और नकली रिकॉर्ड भी बड़ी संख्या में बनाए जाते हैं। अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए इकबाल को 20 साल का माना है जैसा कि पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के समय दर्ज किया था। बासित ने बताया कि अदालत ने उनके मुवक्किल को वयस्क मानकर यह फैसला दिया है। इकबाल को सरगोधा जेल में अगले सप्ताह फांसी दी जानी है।पाकिस्तान की आपराधिक न्यायिक प्रणाली को काफी भ्रष्ट माना जाता है। पुलिस पर अधिकतर मामलों में रिश्वत लेने और कुछ पुलिसकर्मियों के झूठा क्राइम सीन तैयार और सबूत एकत्र करने में माहिर होने के आरोप लगते रहे हैं। जिन गरीब लोगों को सरकारी वकील मुहैया कराए जाते हैं वह उतने सक्षम नहीं होते हैं और अदालती कार्रवाई में वह अपने मुवक्किल का पक्ष ठीक तरह से नहीं रख पाते हैं। पाकिस्तान में अकसर जजों के रिश्वत लेकर फैसला देने की खबरें भी आतीं रहतीं हैं।

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