गांधी के हत्यारे को रिहाई तो राजीव के हत्यारों को क्यों नहीं?
नई दिल्ली तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में कहा कि जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या में उम्रकैद की सजा पाने वाले नाथूराम गोडसे के भाई विनायक गोडसे को 16 साल बाद रिहा किया जा सकता है तो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा क्यों नहीं किया जा सकता?
राज्य सरकार के वकील ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष यह दलील दी। वकील ने कहा कि महात्मा गांधी से महान देश में कोई नेता नहीं है। उनकी हत्या की साजिश में शामिल विनायक गोडसे को उम्रकैद की सजा हुई थी, लेकिन 16 साल की सजा काटने के बाद उसे रिहा कर दिया गया था।
अब पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के मामले में अगर राज्य सरकार दोषियों को रिहा करना चाहती है तो किसी को क्या परेशानी है? इससे पहले राज्य सरकार ने रिहाई को जनता का फैसला बताते हुए सही ठहराया था।
राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में कहा था कि राजीव गांधी के हत्यारों को न तो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार फांसी देना चाहती थी और न ही तत्कालीन विपक्षी पार्टी (अब सत्ताधारी) ने इसके लिए कोई आवाज उठाई थी। किसी भी सरकार ने उन्हें फांसी देने की इच्छा शक्ति नहीं दिखाई थी। अब इन्हें उम्रकैद हो चुकी है। ऐसे में उन्हें कब तक जेल में रखा जाए।
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