गृहमंत्री के बयान पर राजावत का पलटवार
लोकतंत्र में हर कानून का निर्माण जनता की भावनाओं का आदर करते हुए होता है और कोई भी कानून जनता पर थोपा नहीं जाना चाहिए। कटारिया ने राजावत द्वारा हेलमेट की अनिवार्यता का विरोध करने के सवाल पर कोटा में कहा था कि विधायक के विरोध से कानून नहीं बदलताÓ है।
कानून से ऊपर कोई नहीं, चाहे वह विधायक ही क्यों न हो। इस पर राजावत ने कहा कि कटारिया को जानकारी होनी चाहिए कि विधायक कोई सामान्य व्यक्ति नहीं होता, वह उस विधायिका का अभिन्न अंग है, जो कानून बनाती है।
वह जनता का प्रतिनिधि होता है, अगर कोई कानून जनभावनाओं पर कुठाराघात कर रहा है तो उसके खिलाफ जनप्रतिनिधि बोल सकता है। जनता अभी सिंगल हेलमेट की अनिवार्यता को ही झेल नहीं पा रही, डबल हेलमेट की अनिवार्यता जबरन थोपना अन्याय है। उन्होंने गृहमंत्री को हेलमेट स्वैच्छिक करने का सुझाव भी दिया है।
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