शनिवार, 29 अगस्त 2015

ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझी, यौन विकृति बनी कारण

ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझी, यौन विकृति बनी कारण

हनुमानगढ़ . फोटोग्राफर की हत्या कर लाश खेतों में फेंकने के सनसनीखेज मामले की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। युवक के कत्ल के आरोप में शुक्रवार को चार जनों को गिरफ्तार किया गया। आरोपितों ने उसकी हत्या करना स्वीकार किया है। मृतक की यौन विकृति कत्ल की वजह बताई गई है। आरोपी युवकों को शनिवार को न्यायालय में पेश कर रिमांड मांगा जाएगा। हालांकि अब तक मृतक का मोबाइल फोन तथा मोटर साइकिल बरामद नहीं किया जा सका है।

जिला पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने जंक्शन थाने में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि हत्या के आरोप में भंवरराम उर्फ अजय पुत्र सरदाराराम भाट निवासी मुंडा हाल चक दो केएनजे, शिव कुमार उर्फ शेरू पुत्र राधेश्याम माली निवासी वार्ड 42 सुरेशिया तथा दुल्लीचंद उर्फ धोलिया पुत्र करताराराम भाट व राजेन्द्र कुमार पुत्र शिशपाल नायक दोनों निवासी आईटीआई बस्ती को गिरफ्तार किया गया है। पड़ताल में सामने आया कि मृतक महावीर स्वामी (32) पुत्र कृष्णदास स्वामी निवासी रामसरा नारायण अप्राकृतिक यौन संबंधों का आदि था। इस वजह से उसकी आरोपितों के साथ जान-पहचान बढ़ी। घटना की रात आठ अगस्त को मृतक ने आरोपितों को अप्राकृतिक कृत्य के लिए राजी कर लिया। इसके लिए भंवरराम का चक दो केएनजे स्थित घर तय किया गया। वहां अप्राकृतिक मैथुन को लेकर उनमें झगड़ा हो गया। आरोपितों ने एक राय होकर महावीर स्वामी के सिर में चोट मारी। घटना के बाद उसके हल्ला मचाने की आशंका के चलते चारों ने मिलकर मारने की नीयत से उसकी पिटाई की तथा गला दबाकर हत्या कर दी। एएसपी महेन्द्र हिंगोनिया व डीएसपी अत्तरसिंह पूनिया ने बताया कि मृतक की मोटर साइकिल व उसके मोबाइल की बरामदगी का प्रयास किया जा रहा है।

क्या था मामला

चक तीन केएनजे के कच्चे रास्ते पर नौ अगस्त को अज्ञात शव मिला था। मृतक के सिर के पीछे व कूल्हों पर चोट के निशान थे। गले पर भी खरोंच के निशान मिले। मृतक की जेब से पेन ड्राइव व कुछ कागज मिले। बाद में उसकी शिनाख्त महावीर स्वामी के रूप में हुई। वह फोटोग्राफी का काम करता था। वह आठ अगस्त की रात करीब साढ़े नौ बजे किसी का फोन आने पर मोटर साइकिल लेकर घर से निकला था।

ब्लाइंड मार्डर की गुत्थी

एसपी गौरव यादव ने बताया कि मृतक के भाई रामप्रताप ने मामला दर्ज करवाया तो किसी पर भी हत्या करने का शक नहीं जताया। किसी से रंजिश व झगड़ा होने की जानकारी भी नहीं दी। ऐसे में यह ब्लाइंड मर्डर था। हत्या का कोई उद्देश्य सामने नहीं आने से मामला उलझ गया। इसलिए थानाधिकारी रणवीर सिंह के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की। लगातार मृतक के परिचितों, उठ-बैठ की जगहों आदि की पड़ताल की गई। इस दौरान चारों आरोपितों की भूमिका संदिग्ध नजर आई। सख्ती से पूछताछ की तो महावीर की हत्या करना स्वीकार कर लिया। जांच दल में एएसआई शंभूदयाल स्वामी, एचसी जयवीर सिंह, कांस्टेबल मनीष कुमार, चिरंजीलाल, मान सिंह, सुखविन्द्र सिंह, प्रदीप कुमार व नरेश कुमार शामिल थे।

अन्यत्र फेंकने की प्लानिंग

पुलिस के अनुसार चारों आरोपित शव को मोटर साइकिल पर लेकर ऐसी जगह डालने जा रहे थे, जहां से वह किसी के सामने नहीं आए। मगर चक तीन केएनजे के कच्चे रास्ते पर अचानक शव मोटर साइकिल से नीचे गिर गया। वे शव को उठाते, उससे पहले खेतों की रखवाली कर रहे किसानों के आने की आवाजें सुनी। इस पर आरोपित शव वहीं छोड़ कर भाग गए।

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