जोधपुर बाड़मेर क्षेत्र में अवैध बजरी खनन पर हाईकोर्ट गंभीर
राजस्थान हाईकोर्ट ने बाड़मेर जिले के विभिन्न क्षेत्रों से गुजर रही लूणी नदी में अवैध बजरी खनन को लेकर गंभीर रुख अपनाया है। वरिष्ठ न्यायाधीश गोविन्द माथुर व न्यायाधीश जयश्री ठाकुर की खण्डपीठ ने बाड़मेर जिला कलक्टर को याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि उस क्षेत्र में लूणी नदी के किनारे किसी प्रकार का अवैध बजरी खनन कार्य नहीं किया जाएगा।
कोर्ट ने इसके लिए जिला कलक्टर को एक अक्टूबर तक की मोहलत दी है। जितेन्द्रसिंह राठौड़ व अन्य की ओर से अधिवक्ता डॉ. नूपुर भाटी ने याचिका दायर कर कहा कि याचिकाकर्ता बाड़मेर जिले के ग्राम पंचायत रामपुरा, खराटिया, मियों का बाड़ा, गोदा का बाड़ा व आस-पास के क्षेत्र के निवासी हैं।
क्षेत्र से गुजर रही लूणी नदी में से अवैध बजरी खनन का कार्य किया जा रहा है। जिससे पर्यावरण, पारिस्थितिकी व जल स्तर को भारी क्षति हो रही है। लूणी नदी के किनारे व उसके तल में गहरे गड्ढे होने से उसके बहाव क्षेत्र में विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इसको लेकर उन्होंने पहले तहसीलदार समदड़ी व जिला कलक्टर बाड़मेर को कई प्रतिवेदन प्रस्तुत किए हैं, लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई।
सुनवाई के बाद खण्डपीठ ने अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार को राज्य सरकार की ओर से नोटिस थमाए और बाड़मेर जिला कलक्टर को याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर क्षेत्र में अवैध बजरी खनन रोकने के निर्देश दिए।
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