बुधवार, 19 अगस्त 2015

शहीद को नमन करने उमड़ा जनसैलाब, नम हुई आंखें

शहीद को नमन करने उमड़ा जनसैलाब, नम हुई आंखें
मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले सपूत पाबूराम थोरी की पार्थिव देह बुधवार दोपहर बाद जैसे ही उनके पैतृक गांव सालवा कला पहुंची, पूरा माहौल गमगीन हो गया। वतन पर मिटने वाला यह सालवा कला का तीसरा सपूत था।

अंतिम शवयात्रा में शामिल जन-जन के चेहरे पर पाबू की शहादत का गर्व साफ झलक रहा था। सेना के जवान व अधिकारियों ने पूरे सैनिक सम्मान के साथ अपने जांबाज जवान को अंतिम विदाई दी।जांबाज तीन गोली खाकर लड़ता रहा जिंदगी से जंग

44 राष्ट्रीय राइफल का सिपाही पाबूराम पुत्र भोमाराम जाट जम्मू-कश्मीर के शोपिआं में 12 अगस्त को पेट्रोलिंग पर था, इस दौरान हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन के एक दल से इनकी मुठभेड़ हो गई। पाबूराम समेत पूरी सैनिक टुकड़ी ने आतंकियों से जमकर लोहा लिया।

रक्षा प्रवक्ता ले. कर्नल मनीष ओझा ने बताया कि इस दौरान सिपाही पाबूराम को तीन गोलियां लगीं। घायल पाबूराम को 14 अगस्त को दिल्ली स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां सिपाही पाबूराम ने 18 अगस्त को शाम 5:52 बजे दम तोड़ दिया।

सात माह के बेटे ने दी मुखाग्नि

भाई भंवरलाल, धन्नाराम व ग्रामवासियों ने शहीद पाबूराम को कांधा दिया और शहीद के सात माह के बेटे अंकित के हाथों मुखाग्नि दिलाई गई। 12 रेपिड डिप्टी जनरल अफसर कमाण्डिंग ब्रिगेडियर बीएस शेखावत व अन्य सैन्य अफसरों ने पूरे सम्मान के साथ पुष्पचक्र अर्पित किया। सैनिकों ने शहीद को सलामी दी।

पाली सांसद पीपी चौधरी, पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ ने पुष्पचक्र और भोपालगढ़ विधायक कमसा मेघवाल, मण्डोर प्रधान अनुश्री पूनिया समेत ग्रामवासियों ने पुष्प अर्पित कर शहीद को अंतिम विदाई दी।

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