खुदाई में निकले महादेव, जयपुर की आस्था का है केंद्र
जयपुर सदियां देख चुका श्रीपातालेश्वर महादेव आज भी अपनी सुंदरता और अपने रोचक इतिहास के लिए खाशा चर्चित है । इसी लिए श्रीपातालेश्वर महादेव छोटी काशी के लोगों के बीच आस्था का केंद्र बना हुआ है ।
बताया जाता है कि चेत्र शुक्ल पंचमी ,1864 को शक संवत में जयपुर के महाराजा सवाई माधोसिंह ने आठवें दादू संप्रदाचार्य निर्भयराम महाराज को मोती डुंगरी रोड पर पांच बीधा भुमी भेंट की थी ।
कुछ साल पहले कुंए की खुदाई में शिव परिवार मिला। शिव मंदिर के चौक में लगा पीपल का विशाल वृक्ष आज भी लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है ।
बाबुलाल लश्करी और प्रेम लश्करी परिवार ने 19वें दादू सम्प्रदाचार्य स्वामी हरिराम से अनुमती लेकर 2002 में मंदिर निर्माण का जिर्णोद्दार करवाया था।
बताया जाता है कि चेत्र शुक्ल पंचमी ,1864 को शक संवत में जयपुर के महाराजा सवाई माधोसिंह ने आठवें दादू संप्रदाचार्य निर्भयराम महाराज को मोती डुंगरी रोड पर पांच बीधा भुमी भेंट की थी ।
कुछ साल पहले कुंए की खुदाई में शिव परिवार मिला। शिव मंदिर के चौक में लगा पीपल का विशाल वृक्ष आज भी लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है ।
बाबुलाल लश्करी और प्रेम लश्करी परिवार ने 19वें दादू सम्प्रदाचार्य स्वामी हरिराम से अनुमती लेकर 2002 में मंदिर निर्माण का जिर्णोद्दार करवाया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें