जयपुर।नाकामी छिपाने के लिए रिफाइनरी का विवाद खड़ा किया: गहलोत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर दोहराया है कि रिफाइनरी को लेकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की नीयत में खोट है।
उन्होंने गुरूवार को एक बयान में कहा कि पश्चिमी राजस्थान में इतना तेल निकल रहा है कि पेट्रोलियम जगत में बाडमेर का नाम स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है। वहां इसको लेकर जश्न मनाया जा रहा है।
नौ टन क्षमता की रिफायनरी स्थापित होने जा रही थी लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज-द्वेष और ईष्र्या के कारण खुद की नाकामी छिपाने के लिए इसमें विवाद खड़ा कर दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा है कि दु:ख इस बात का है कि पेट्रोलियम मंत्री, केन्द्र सरकार और खुद प्रधानमंत्री तक इस रिफायनरी को लेकर मौन धारण किए हुए हैं क्योंकि इसमें उनकी कोई रूचि नहीं है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार एक ओर तो देश-विदेश में घूम.घूमकर निवेश लाने के लिए जोर-शोर से प्रयासों में लगी है और दूसरी ओर आए हुए 40 हजार करोड रुपए के निवेश को ठुकरा रही है।
अफसोस इस बात का भी है कि रिफायनरी का यह प्रोजेक्ट किसी निजी कंपनी, उद्योग या व्यवसायी का नहीं है, बल्कि केन्द्र सरकार का है।
इस प्रोजेक्ट के अटकाए जाने के कारण निजी क्षेत्रों की जरूर चांदी होने की खबरें बाजार में तैर रही हैं एवं राज्य सरकार पर भी संदेह जताया जा रहा है।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की इस प्रोजेक्ट में 26 प्रतिशत की भागीदारी है जिसे कम या ज्यादा करने पर किसी को कोई एतराज नहीं होगा।
लेकिन येन-केन प्रकारेण प्रोजेक्ट को अटकाने पर उतारू वर्तमान सरकार भारी बहुमत से सत्ता आने में आने के बाद पता नहीं क्यों प्रदेश के हितों पर कुठाराघात करने पर आमादा है।
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