गुजरात में पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर अहमदाबाद, सूरत और राजकोट समेत राज्य के कई शहरों में गुरुवार को भी हिंसक प्रदर्शन जारी रहा.
इस दौरान हिंसक झड़पों में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं के बाद राज्य के प्रमुख शहरों और कस्बों में कर्फ्यू लगाया गया है. गुजरात में सेना की पांच टुकड़ियों ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में फ्लैग मार्च भी किया. सेना और अर्धसैनिक बलों की कुल 133 कंपनियां तैनात की गई हैं. राज्य में अर्धसैनिक बलों के पांच हजार जवानों को तैनात किया गया है.
पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों से राज्य में जनआंदोलन चलाया जा रहा है. इस दौरान मंगलवार को अहमदाबाद में एक विशाल रैली हुयी थी. इसके बाद रात में अचानक हिंसा भड़क उठी. इसके मद्देनजर अहमदाबाद में मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र घाटलोडिया समेत नौ क्षेत्रों और उनके गृह जिले पाटन के अलावा सूरत, महेसाणा और मोरबी में कर्फ्यू लगा दिया गया. पांज जिलों के कुल 17 इलाको में कर्फ्यू लगाया गया.
उपद्रवियों ने कई जगहों पर रेल की पटरियां उखाड़ दीं और कई जगहों पर सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया. पिछले 24 घंटों की हिंसक झड़पों में अब तक करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हो चुका है. हालात को काबू में करने के लिए गुजरात की आनंदीबेन सरकार ने सेना को बुला लिया है और कई शहरों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है.
गुजरात में 2002 में हुए दंगों के बाद यह पहला मौका है जब सेना बुलायी गयी है.
इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य की जनता से शांति बनाये रखने की अपील की है और कहा है कि समस्या का समाधान बातचीत से निकाला जाए.
वहीं गुजरात सरकार की तरफ से पटेल आंदोलन के अगुवा हार्दिक पटेल के खिलाफ दंगा फैलाना का मामला दर्ज किया है. ये मामला अहमदाबाद के वस्त्रापुर इलाके में दर्ज किया गआ है और अब हार्दिक पटेल की किसी भी समय गिरफ्तारी हो सकती है.
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