बाड़मेर। बीए परीक्षा में चौकाने वाला आया परिणाम 85% छात्र हुए फेल
बाड़मेर के राजकीय पी.जी. कॉलेज के बीए अंतिम वर्ष रिजल्ट के बाद अब सैकंड ईयर के स्टूडेंट्स का रिजल्ट भी चौंकाने वाला आया है.कॉलेज के बीए सैकंड ईयर के 85 फीसदी स्टूडेंट फेल हो गए हैं. इससे पहले जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी की ओर से जारी फाइनल ईयर के रिजल्ट में भी इस कॉलेज के 92 फीसदी स्टूडेँट फेल हो गए थे. स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन रिजल्ट देखा तो पता चला कि कॉलेज के अधिकांश स्टूडेंट्स फेल हो गए हैं. ऐसे में इतनी बड़ी मात्रा में छात्रों को फेल होना कॉलेज की शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है.
70 फीसदी वाले भी फेल
इधर, रिजल्ट से आक्रोशित छात्रों ने कुलपति को पत्र भेजकर उत्तरपुस्तिकाओं की जांच प्रणाली पर संदेह जाहिर करते हुए नए सिरे से परिणाम घोषित करने की मांग कर रहे हैं. छात्रों का आरोप है इस वर्ष वह छात्र भी फेल हो गए है जिन छात्रों के 12वीं में 70 फीसदी से अधिक नंबर हैं.
विश्वविद्यालय की गलती
वहीं इस पूरे मामले को लेकर प्राचार्य विमला आर्य का कहना है कि सत्र के दौरान कॉलेज के छात्रों मनलगाकर पढाई की लेकिन मेहनत के अनुरूप रिजल्ट नहीं मिले. इससे साफ है कि यूनिवर्सिटी से किसी तरह की गलती हुई है.
इतिहास में पहली बार
जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी जोधपुर के उपकुलपति का कहना है कि परीक्षा परिणाम में बड़ी तादाद में स्टूडेंट्स फेल हुए है.यह यूनिवर्सिटी में पहली बार है जो इतनी मात्रा में छात्र फेल हुए हैं. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.
बाड़मेर के राजकीय पी.जी. कॉलेज के बीए अंतिम वर्ष रिजल्ट के बाद अब सैकंड ईयर के स्टूडेंट्स का रिजल्ट भी चौंकाने वाला आया है.कॉलेज के बीए सैकंड ईयर के 85 फीसदी स्टूडेंट फेल हो गए हैं. इससे पहले जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी की ओर से जारी फाइनल ईयर के रिजल्ट में भी इस कॉलेज के 92 फीसदी स्टूडेँट फेल हो गए थे. स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन रिजल्ट देखा तो पता चला कि कॉलेज के अधिकांश स्टूडेंट्स फेल हो गए हैं. ऐसे में इतनी बड़ी मात्रा में छात्रों को फेल होना कॉलेज की शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है.
70 फीसदी वाले भी फेल
इधर, रिजल्ट से आक्रोशित छात्रों ने कुलपति को पत्र भेजकर उत्तरपुस्तिकाओं की जांच प्रणाली पर संदेह जाहिर करते हुए नए सिरे से परिणाम घोषित करने की मांग कर रहे हैं. छात्रों का आरोप है इस वर्ष वह छात्र भी फेल हो गए है जिन छात्रों के 12वीं में 70 फीसदी से अधिक नंबर हैं.
विश्वविद्यालय की गलती
वहीं इस पूरे मामले को लेकर प्राचार्य विमला आर्य का कहना है कि सत्र के दौरान कॉलेज के छात्रों मनलगाकर पढाई की लेकिन मेहनत के अनुरूप रिजल्ट नहीं मिले. इससे साफ है कि यूनिवर्सिटी से किसी तरह की गलती हुई है.
इतिहास में पहली बार
जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी जोधपुर के उपकुलपति का कहना है कि परीक्षा परिणाम में बड़ी तादाद में स्टूडेंट्स फेल हुए है.यह यूनिवर्सिटी में पहली बार है जो इतनी मात्रा में छात्र फेल हुए हैं. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.
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