शनिवार, 1 अगस्त 2015

तांत्रिक’ को सौंप दिया 5 महीने का बच्चा, दादा-दादी को आज मिल सकता है वापस

तांत्रिक’ को सौंप दिया 5 महीने का बच्चा, दादा-दादी को आज मिल सकता है वापस


जयपुर। पांच महीने के बच्चे की कस्टडी के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले दादा-दादी और नाना-नानी को शनिवार को छुट्‌टी के दिन न्याय मिल सकता है.

बच्चे के माता-पिता इस मामले में अपने बच्चे को गोद दे चुके हैं जबकि दादा दादी व नाना नानी उनके इस फैसले के खिलाफ अब कोर्ट की शरण मेँ हैं. हाईकोर्ट शनिवार को छुट्‌टी के बावजूद इस मामले में फैसला सुनाएगा.

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में इस मामले पर शुक्रवार को जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अदालत में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट भी इस मामले को लेकर काफी नाराज व गम्भीर नजर आई और यही कारण है कि हाईकोर्ट इस मामले को जल्द से जल्द निपटाने के लिए शनिवार को छुट्टी के दिन भी मामले की सुनवाई करेगी.

कहीं बच्‍च्‍ों की बली तो नहीं देना चाहते

5 महीने का अबोध बालक जिसे इस दुनिया में आऐ अभी कुछ ही माह हुए हैं और जो अभी सन्यास और गद्दी का मतलब भी नहीं जानता उसे उसके माता पिता ने मध्यप्रदेश के एक गुरू छोटे सरकार को गोद दे दिया. हाईकोर्ट भी इस मामले में काफी गंभीर नजर आई. हाईकोर्ट में गुरूवार इस मामले की सुनवाई हुई और हाईकोर्ट ने अबोध बच्चे को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए. लेकिन शुक्रवार को सुनवाई के दौरान तय समय तक बच्चे के हाईकोर्ट में पेश न होने पर हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई श‍निवार तक के लिए टाल दी. इस दौरान जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अदालत ने मामले में मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि बच्चे को गोद देने का क्या कारण है क्या बच्चे की बली देना चाहते हैं. हाईकोर्ट ने इस मामले को चौकाने वाला बताया.

अच्‍छी परवरिश के लिए उठाया यह कदम


(बच्चे की मां डाॅ. पूजा)

वहीं दूसरी तरफ बच्चे के माता-पिता को इस बात का कोई गम नहीं है. जहां 5 महिने को इस वक्त माता पिता की परवरिश की जरूरत है वहीं मां बाप ने बच्चे की बेहतरी के नाम पर बच्चे को छोटे सरकार को गोद दे दिया है. और माता पिता का तर्क है कि वह बच्चे की भलाई जानते है और गुरूजी ग्रेजुएट है और वह उसकी अच्छी परवरिश कर सकते हैं.

छुट्टी के दिन होगी सुनवाई
जहां एक ओर हाईकोर्ट मामले की गंभीरता को देखते हुए छुटटी के दिन भी इस मामले की सुनवाई करने को तैयार है. वहीं दुधमुहे बच्चे के मां बाप बच्चे की बेहतर परवरिश के नाम पर बच्चे को गोद दे चुके हैं. अब इस मामले पर शनिवार को छुटटी के दिन सुबह 11 बजे जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अदालत में सुनवाई होगी. और उसमें बच्चे की कस्टडी किसके पास रहेगी यह तय किया जाऐगा. अब देखना होगा कि आज बच्चे के जयपुर पहुंच जाने के बाद श्‍ानिवार को हाईकोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाता है.

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