बाड़मेर में 20 मिनट में जीते कांग्रेस के तरुण
बाड़मेर. नगर परिषद बाड़मेर के वार्ड 28 में हुए उपचुनाव का पटाक्षेप गुरुवार को 20 मिनट में ही हो गया। पिछले पंद्रह दिन से चल रही खींचतान और चुनावी जोर-आजमाइश का परिणाम महज बीस मिनट में आया और कांग्रेस के तरुण कुमार सिंधी ने विजय हासिल की।
वार्ड 28 में पार्षद पद के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस के तरुण कुमार ने बाजी मारी। 17 अगस्त को मतदान के बाद गुरुवार सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई। उपखंड कार्यालय में मौजूद भाजपा-कांग्रेस के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों की सांसे अटकी रही, लेकिन बीस मिनट में ही परिणाम घोषित कर दिया गया।
कांग्रेस के तरुण कुमार सिंधी ने भाजपा के गोपालदास सिंधी को करारी शिकस्त दी। तरुण कुमार 634 तथा गोपालदास को 598 वोट मिले। तरुण कुमार ने 36 वोटों से जीत हासिल की। वहीं 14 वोट नोटा को मिले।
दोनों दलों की प्रतिष्ठा थी दांव पर
नौ माह बाद नेहरु नगर स्थित वार्ड 28 में पार्षद पद के लिए हुए उप चुनाव में दोनों ही प्रमुख दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। पिछले दस दिनों से राजनीतिक सरगर्मियों के बीच यह सीट दोनों ही प्रमुख दलों के लिए साख का सवाल बन गई थी। दरअसल, नगर परिषद में बोर्ड कांग्रेस का है और शहर में विकास के नाम पर कांग्रेस वोट मांग रही थी। वहीं प्रदेश एवं देश में भाजपा की सरकार होने के नाते भाजपाइयों के लिए यह सीट मूंछ की लड़ाई से कम नहीं थी। इसी कारण इस सीट की उपयोगिता बढ़ गई थी।
बाड़मेर. नगर परिषद बाड़मेर के वार्ड 28 में हुए उपचुनाव का पटाक्षेप गुरुवार को 20 मिनट में ही हो गया। पिछले पंद्रह दिन से चल रही खींचतान और चुनावी जोर-आजमाइश का परिणाम महज बीस मिनट में आया और कांग्रेस के तरुण कुमार सिंधी ने विजय हासिल की।
वार्ड 28 में पार्षद पद के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस के तरुण कुमार ने बाजी मारी। 17 अगस्त को मतदान के बाद गुरुवार सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई। उपखंड कार्यालय में मौजूद भाजपा-कांग्रेस के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों की सांसे अटकी रही, लेकिन बीस मिनट में ही परिणाम घोषित कर दिया गया।
कांग्रेस के तरुण कुमार सिंधी ने भाजपा के गोपालदास सिंधी को करारी शिकस्त दी। तरुण कुमार 634 तथा गोपालदास को 598 वोट मिले। तरुण कुमार ने 36 वोटों से जीत हासिल की। वहीं 14 वोट नोटा को मिले।
दोनों दलों की प्रतिष्ठा थी दांव पर
नौ माह बाद नेहरु नगर स्थित वार्ड 28 में पार्षद पद के लिए हुए उप चुनाव में दोनों ही प्रमुख दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। पिछले दस दिनों से राजनीतिक सरगर्मियों के बीच यह सीट दोनों ही प्रमुख दलों के लिए साख का सवाल बन गई थी। दरअसल, नगर परिषद में बोर्ड कांग्रेस का है और शहर में विकास के नाम पर कांग्रेस वोट मांग रही थी। वहीं प्रदेश एवं देश में भाजपा की सरकार होने के नाते भाजपाइयों के लिए यह सीट मूंछ की लड़ाई से कम नहीं थी। इसी कारण इस सीट की उपयोगिता बढ़ गई थी।
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