महिला की हत्या के बाद भीण्डर में पुलिस फायरिंग, ग्रामीणें ने किया पथराव, कई सरकारी वाहन फूंके
ग्रामीणों ने भी जमकर पथराव किया। इस घटनाक्रम में वल्लभनगर के उपखण्ड अधिकारी मुकेश कलाल सहित 25-30 पुलिसकर्मी और करीब डेढ़ दर्जन ग्रामीण घायल हो गए। ग्रामीणों ने कई सरकारी वाहनों को आग लगा दी।
जानकारी के अनुसार चोल गांव में रहने वाले उदयलाल रावत की तीस वर्षीय पत्नी मीरा शुक्रवार की रात गंगोज कार्यक्रम में भाग लेने गई थी, लेकिन रात को घर नहीं लौटी।
शनिवार को सुबह गांव के बाहर कालबेलिया जाति के लोगों के डेरों के पास मीरा के कटे हुए पैर मिले। अज्ञात बदमाशों ने लूट के इरादे से उसकी हत्या कर दी और उसके पैरों में पहनी चांदी की कडिय़ां निकालने के लिए पैर काट दिए।
महिला के कटे पैर कालबेलियों के डेरों के पास मिलने से ग्रामीण आक्रोशित हो गए और कालबेलिया परिवारों के कुछ लोगों पर हत्या का आरोप लगाते हुए चार जनों को पकड़ कर धुनाई कर दी।
ग्रामीणों ने इन लोगों को पेड़ से बांध दिया। इतना सब कुछ होने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और कालबेलिया परिवार के चार लोगों को ग्रामीणों से छुड़ाकर ले जाने लगी, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें ले जाने नहीं दिया।
माहौल बिगड़ता देख उदयपुर से अतिरिक्त पुलिस बल और खुद जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल व जिला कलक्टर रोहित गुप्ता मौके पर पहुंचे। तभी महिला का शव गांव के ही एक कुएं में मिल गया। महिला के पैर और शव अलग-अलग स्थानों पर मिलने पर ग्रामीण और ज्यादा आक्रोशित हो गए।
देखते ही देखते ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने अश्रु गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज करते हुए लोगों को वहां से हटाया।
पुलिस शव और कालबेलिया परिवार के चार लोगों तथा कुछ ग्रामीणों को भीण्डर थाने ले आई, लेकिन आक्रोशित ग्रामीण वहां भी पहुंच गए।
ग्रामीणों ने भीण्डर में अस्पताल का घेराव कर पथराव शुरू कर दिया और बाजार बंद करवा दिया। कई सरकारी वाहन फूंक दिए। तब पुलिस ने वहां भी अश्रु गैस छोड़ी, लाठीचार्ज किया और बाद में माहौल बिगड़ता देख हवाई फायर किए।
प्रशासन और पुलिस के बड़े अधिकारी वहां डेरा डाले हुए है। अब तक स्थिति पर नियंत्रण नहीं हो पाया है। बाद में पुलिस ने रबड़ की गोलियां भी चलाई।
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