गुरुवार, 9 जुलाई 2015

दलित अत्याचार निवारण समिति का अनिश्चितकालीन धरना 13 से

दलित अत्याचार निवारण समिति का अनिश्चितकालीन धरना 13 से
बाड़मेर, 09 मई। दलित अत्याचार निवारण समिति ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर दलितों पर उत्पीड़न के आपराधिक प्रकरणों में पुलिस द्वारा कार्यवाही नही किए जाने पर रोष जताते हुए 13 जुलाई से जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी है।

दलित अत्याचार निवारण समिति के संयोजक उदाराम मेघवाल की अगुवाई मंे दलित समाज के लोगांे ने गुरूवार को जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन मंे बताया कि बाड़मेर जिले मंे दलित समुदाय के परिवारों पर आये दिन होने वाले जुल्मों की घोर अनदेखी की जाकर पीड़ितों के साथ नाइंसाफी की जा रही हैं। पुलिस के इस रवैये से दलित समुदाय मे जबरदस्त आक्रोष एवं विरोध हैं। ज्ञापन के मुताबिक भेडाणा की दलित सरपंच हस्तुदेवी मेघवाल, इटादा निवासी नबूदेवी पत्नी भंवराराम मेघवाल, बाड़मेर आगोर निवासी बबरी देवी पत्नी बाबूलाल मेघवाल, श्रवणराम पुत्र गाजीराम जाति मेघवाल निवासी गुमाने का तला, अरूण पुत्र मनोज कुमार वाल्मिकी के अपहरण के मामले मंे पुलिस की ओर से आरोपियांे के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही है। इनमंे से कुछ मामलांे मंे पीड़ित पक्ष के खिलाफ मामले दर्ज किए गए है। वहीं कुछ मामलांे मंे धारा 164 सीआरपीसी के बयान दर्ज होने के बाद भी आरोेपियों की गिरफतारी नहीं हो पाई है। ज्ञापन मंे बताया कि बाड़मेर जिले के अनुसूचित जाति एवं जन जाति के निवार्चित महिला जन प्रतिनिधियांे, अन्य महिलाआंे और गरीब लोगांे पर आए दिन अत्याचारांे की घटनाआंे मंे लगातार वृद्वि हो रही है। पुलिस प्रशासन मंे दर्ज प्रकरणांे मंे कोई त्वरित एवं न्यायिक कार्यवाही नहीं होने से इस वर्ग मंे भारी असंतोष एवं भय व्याप्त है। ज्ञापन मंे आरोप लगाया कि उत्पीड़न की घटनाओं की पुलिस लगातार अनदेखी कर पहुंच वाले लोगों को सरंक्षण दे रही हैं। अतः पुलिस के इस रवैये से नाराज होकर दलित समुदाय के लोग सोमवार से बेमियादी धरना देंगे। ज्ञापन मंे इन प्रकरणों के आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर पीड़ितों को न्याय एवं सहायता दिलाने एवं लापरवाह बरतने वाले अनुसंधान अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग की गई है।

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