बाड़मेर। दुधवा प्रकरण,दलित पीड़िता की जुबानी ??
पप्पू कुमार बृजवाल / बाड़मेर
मेरे पति की आज से चार साल पूर्व सड़क हादसे में मौत हो गई उसके बाद में अपने घर में दो मासूमो के साथ अकेली रहती थी,पिछले एक साल से गांव में किराणा की दुकान चलाने वाला उदय सिंह नामक एक व्यक्ति मुझ पर बुरी नजर रखता और कई बार अवैध संबध बनाने की भी बात कही,जब इस बात का मेने विरोध किया तो उन्हें मुझे देख लेने की धमकी दी और में चार पांच दिन पूर्व ही अपने पीहर घोनिया गई हुई थी,पीछे गुरुवार रात्रि को मेरे पिता जी के पास फोन आया की आपकी ढाणी को गांव के रहने वाले उदयसिंह ने आग के हवाले कर दिया। सुबह जल्दी में और मेरे पिताजी दुधवा गांव पहुंचे तो झोपा और उसमे रखा सारा सामान जलकर राख हुआ पाया गया,मेने अपने पिता जी को पुलिस में मामला दर्ज करवाने की बात कही और चोह्टन थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के लिए रवाना हुई। लेकिन गांव के पंच गांव में मामला निपटाने का दबाव बनाने लगे धीरे धीरे समय बीतता जा रहा था 12 घंटे से अधिक का समय हो गए घटना हुई को लेकिन गांव के पंच उन्हें थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए नहीं जाने दे रहे थे। गांव के एक परिचित ने इस बारे में सोसियल साइट पर मेरी पीड़ा को लिख कर भेजा तो जिला पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख तक यह बात पहुंची और उन्होंने इस मामले को इतना गंभीरता से लिया और मोके के लिए गुड़ामालानी वृताधिकारी ओपी उज्जवल,रामसर थानाधिकारी दशरथ सिंह चौहटन थाना पुलिस को भेजा और आरोपी के खिलाफ तत्काल कार्रवाही करने के निर्देश दिए है यह में अहसान कभी नहीं भूल पाऊँगी साथ ही कहा अब मुझे उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा विश्वास है की मुझे न्याय जरुर मिलेगा । सरकार से किसी प्रकार की मदद के सवाल पर पीड़िता ने कहा-'' जिला पुलिस अधीक्षक ने मेरी जो मदद की है यह मेरे लिए बहुत बड़ा अहसान है , बाकी मेरे हाथों की पाँचों अंगुलियाँ सलामत है तो मैं मेहनत मजदूरी करके जी लूँगी।
''साब इये गांव में भलो मनख तो रेवो कोनी ।। गुड़ामालानी वृताधिकारी ओपी उज्जवल अपनी टीम के साथ पुरे घटनाक्रम के साक्ष्य जुटा रहे थे उस दौरान गांव के एक बुजुर्ग से पूछा की इस गांव में किस तरह का माहोल रहता है तब एक बुजुर्ग ने कहा की साब साची बात तो ऐ है की इये गांव में भलो मनख तो रै कोनी सके बाकी तो हूँ कई कोनी कां।
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