हनुमानगढ़ सात को आजीवन कारावास
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय दयाराम गोदारा ने बुधवार को हत्या के मामले में एक ही परिवार के सात जनों को दोषी करार देते हुए आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई।
प्रत्येक दोषी पर पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है, जो अदा नहीं करने पर उनको दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इस मामले में कुल 14 आरोपित थे। इनमें से दो आरोपितों की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। जबकि पांच को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। प्रकरण की राज्य सरकार की ओर से पैरवी एपीपी द्वितीय सुमन झोरड़ ने की। आरोपितों की सजा पर दोनों पक्षों में पांच दिन तक न्यायालय में बहस चली।
मामले के अनुसार जसप्रीत कौर निवासी धोलीपाल ने 12 अप्रेल 2011 को सदर थाने में मामला दर्ज कराया कि उसके पिता पूर्ण सिंह गांव में सतपाल सिंह के घर पाठ के भोग पर जा रहे थे। तभी वहां पड़ोस के जसविन्द्र सिंह, गुरचरण सिंह, जसकरण सिंह, कुलविन्द्र सिंह, दर्शन सिंह, सुखा सिंह, बलकरण सिंह, गुरदयाल सिंह, लाल सिंह, तरसेम सिंह उर्फ सेमा सिंह, सुखदेव सिंह, गुरप्रीत कौर, अमरजीत कौर व गुरदीप कौर जट सिख आए तथा पिता पूर्ण सिंह को उठाकर अपने घर ले गए। वहां आरोपितों ने उनको पेड़ से बांध दिया तथा लाठियों आदि से पीटा। इससे उनकी मौत हो गई। दोनों पक्षों में जमीन विवाद को लेकर पुरानी रंजिश थी।
न्यायालय ने जसविन्द्र सिंह, गुरचरण सिंह, जसकरण सिंह, कुलविन्द्र सिंह, दर्शन सिंह, सुखा सिंह व बलकरण सिंह को धारा 302/149, 342/249 तथा 148 के तहत दोषी माना। धारा 302/149 के तहत उनको आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। जबकि धारा 148 के तहत एक वर्ष व 342/249 के तहत छह माह का कारावास सुनाया गया। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
सुनवाई के दौरान मौत
आरोपित गुरदयाल सिंह व लाल सिंह की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। जबकि तरसेम सिंह उर्फ सेमा सिंह, सुखदेव सिंह, गुरप्रीत कौर, अमरजीत कौर व गुरदीप कौर को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया।
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