शनिवार, 6 जून 2015

बाड़मेर। रात में पत्थरबाज़ी बनी रहस्य, कर्मचारियों को दिखे भूत

बाड़मेर। रात में पत्थरबाज़ी बनी रहस्य, कर्मचारियों को दिखे भूत


बाड़मेर। राजस्थान के रेगिस्तान इलाको में आजादी के इतने बरस बीत जाने के बाद आज भी अनपढ़ लोग भूत प्रेत आत्माओं की बातों पर इनका खौफ बदस्तूर जारी रहता है लेकिन जब पढ़े लिखे ऑफिसर क्लास व कर्मचारी भी भुत प्रेत और आत्माओं की बातों पर विश्वास करे और इनमें भूतों आत्माओं का खौफ हो जाए तो आप क्या कहेंगे।

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राजस्थान के बाड़मेर जिले के शिव इलाके में ऐसी ही घटना सामने आई हैं। यहाँ विद्युत सब स्टेशन में पिछली कई रातों से रहस्यमयी तरीके से पत्थरबाज़ी हो रही हैं आधी रात को इमारत की छतों पर लोगों के भागने की आवाज़ का आभास होता हैं लेकिन पुलिस से लेकर तांत्रिक तक सभी बेबस हो चुके हैं।

sub station shiv in barmer ghost story special

एईएन ने भी माना 'कुछ तो गड़बड़ है'
जिले के शिव डिस्कॉम में पिछले 10 दिन से रात नौ बजे से सुबह चार बजे तक पत्थर बरस रहे हैं। आधी रात को पत्थरबाजी होने से डिस्कॉमकर्मी भयभीत है। इस बारे में उन्होंने एसडीएम से लेकर पुलिस तक से सुरक्षा की गुहार लगाई है। दरअसल 23 मई की रात को ड्यूटी पर तैनात तकनीकी कर्मचारी रिंकू और सुमेर चारपाई पर सो रहे थे। इस दौरान वहां पत्थर आने शुरू हो गए। इस पर उन्होंने टॉर्च से आसपास रोशनी कर देखा लेकिन कोई नजर नहीं आया। इसके बाद दोनों चारपाई लेकर कार्यालय के अंदर जाकर सो गए। इस घटना के बाद विद्युत अधिकारियों और कर्मचरियों ने अपने सहायक अभियंता कैलाश चौधरी से बात की तो वे पुलिस जाब्ते के साथ वहां रूके। उस रात को भी पत्थर बरसे गनीमत रही कि कोई चोटिल नहीं हुआ। लेकिन पत्थर कौन बरसा रहा है अब तक पता नहीं चला।



कुछ साल पहले मारे गए थे दो कर्मचारी
इतने दिनों बाद भी पत्थरबाजी नहीं थमने पर मंगलवार सुबह एईएन ने विभाग के आला अधिकारियों और पुलिस को पत्र भेजकर इससे बचाव की अपील की है। वहीं कुछ साल पहले एक कर्मचारी की मौत हो गई थी और वहीं अब भूत बनकर परेशान कर रहा है। ऐसा भुत भगाने वाले बाबाओं और आस -पास के लोगो का मानना है। शिव इलाके के उपखंड अधिकारी चन्द्रभान सिंह भाटी को जब इस प्रकरण के बारे में लिखित में शिकायत की गई तो उन्होंने इस मामले की जांच शिव थाना एसएचओ को सौंपी हैं। उन्होंने गम्भीरता से इन रहस्यमयी पत्थरों के बारे में जाँच के आदेश दे दिए हैं। रात्रि को मजबूरन कार्मिको को पास ही के जलदाय विभाग कार्यालय में शरण लेनी पड़ती हैं। वहीं इलाके के लोग भी रात के समय यहाँ से नहीं गुजरते। अब देखना यह हैं कि कब तक इस राज से पर्दा हटता हैं।

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