जैसलमेर। केंकू देवी के लिए मोहनगढ में आयोजित राजस्व लोक अदालत शिविर हुआ वरदान साबित
जैसलमेर, 6 जून। राज्य सरकार के निर्देशों की पालना में जिले में जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा के मार्ग दर्शन में चल रहें राजस्व लोक अदालत शिविर कई लोगों के लिए बहुत ही लाभ दायी सिद्ध हो रहें है। ग्राम पंचायत मुख्यालय मोहनगढ में शुक्रवार को आयोजित हुआ लोक अदालत शिविर तहसील पोकरण के ग्राम बोनाडा निवासी श्रीमति केंकू देवी पत्नि रूपा राम के लिए तो वरदान ही साबित हुआ एवं उसे 19 वर्ष बाद अपने पिता दीपा राम नाई की खातेदारी भूमि का हक मिला।
श्रीमति कंेकू देवी को शिविर प्रभारी उपायुक्त उपनिवेशन गजेन्द्र सिंह चारण एवं तहसीलदार पीताम्बर राठी ने उसे ग्राम मोहनगढ चक 11 पीडी में मुरबा नम्बर 229/13 में 14.11 बीघा भूमि के खातेदारी के अधिकार पत्र प्रदान किया तो खुशी से प्रफुल्लित हो गई एवं इसके लिए जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।
उल्लेखनीय है कि श्रीमति केंकू देवी के पिता दीपा राम नाई के नाम राजस्व रिर्काड में खातेदारी दर्ज थी। दीपा राम नाई का वर्ष 1996 में देहान्त हो गया एवं उसकी मृत्यु के पश्चात् उसके वारिशान के रूप में उसकी पुत्री केंकू देवी के नाम खाते दारी दर्ज होनी थी लेकिन नामान्तरण भरते वक्त किसी कारणवश उसका नाम दर्ज होने रह गया। केंकू देवी द्वारा काफी प्रयास करने के बावजूद भी उसकी नाम राजस्व रिकार्ड के रूप में दर्ज नहीं हुआ। कंेकू देवी ने इस सम्बंध में उपायुक्त उपनिवेशन, जैसलमेर के समक्ष एक राजस्व अपील पेश की। यह अपील 21 नवम्बर 2013 से लम्बित थी।
श्रीमति कंेकू देवी व उसके पति रूपाराम को मोहनगढ में लगने वाले राजस्व लोक अदालत शिविर जानकारी लगी तो वे मोहनगढ पहुंचे एवं शिविर में पीठासीन अधिकारी व उपायुक्त उपनिवेशन, जैसलमेर गजेन्द्र सिंह चारण व तहसीलदार पीताम्बर राठी के समक्ष इस सम्बंध में प्रार्थना पत्र पेश किया। इन अधिकारीयों ने दीपाराम के सभी वारिशान यानि उसकी पुत्री केंकू देवी व दोनों भाईयों को मौके पर बुलाया गया एवं उन्हें कानून की स्थिति से अवगत कराया व समझाईस की कि वे आपसे में राजीनामा करले एवं वारिश के रूप में श्रीमति केंकू देवी का नाम रिकार्ड में दर्ज करावें। इससे केंकू देवी के दोनो भाई सहमत हो गए तो उसके नाम राजस्व रिकार्ड में नामान्करण मौके पर ही खोलने के आदेश जारी किये गए।
पीठासीन अधिकारी चारण ने उसके भाई बहनों की हुई सहमति एवं राजीनामें को शिविर में उपस्थित सभी लोगांे को जानकारी दी एवं श्रीमति केंकू देवी के नाम 14.11 बीघा भूमि का खातेदारी का अधिकार आदेश प्रदान किया व उसके नाम राजस्व रिकार्ड में अमल-दरामद करवाया। इस निर्णय की शिविर में उपस्थित सभी गा्रमीणों ने मुक्त कंठो से सराहना की। इस प्रकार श्रीमति कंेकू देवी को 19 वर्ष बाद उसके पिता की भूमि का खातेदारी अधिकार प्राप्त हुआ। केंकू देवी को इस राजस्व लोक अदालत में त्वरित न्याय मिला तो उसने जिला प्रशासन व राज्य सरकार के प्रति ऐसे शिविरों के आयोजन के लिए तहदिल से आभार जताया एवं कहा की ऐसे शिविरों से मेरे जैसी पात्र परिवार के सदस्य को अवश्य ही लाभ मिल रहा है।
जैसलमेर, 6 जून। राज्य सरकार के निर्देशों की पालना में जिले में जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा के मार्ग दर्शन में चल रहें राजस्व लोक अदालत शिविर कई लोगों के लिए बहुत ही लाभ दायी सिद्ध हो रहें है। ग्राम पंचायत मुख्यालय मोहनगढ में शुक्रवार को आयोजित हुआ लोक अदालत शिविर तहसील पोकरण के ग्राम बोनाडा निवासी श्रीमति केंकू देवी पत्नि रूपा राम के लिए तो वरदान ही साबित हुआ एवं उसे 19 वर्ष बाद अपने पिता दीपा राम नाई की खातेदारी भूमि का हक मिला।
श्रीमति कंेकू देवी को शिविर प्रभारी उपायुक्त उपनिवेशन गजेन्द्र सिंह चारण एवं तहसीलदार पीताम्बर राठी ने उसे ग्राम मोहनगढ चक 11 पीडी में मुरबा नम्बर 229/13 में 14.11 बीघा भूमि के खातेदारी के अधिकार पत्र प्रदान किया तो खुशी से प्रफुल्लित हो गई एवं इसके लिए जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।
उल्लेखनीय है कि श्रीमति केंकू देवी के पिता दीपा राम नाई के नाम राजस्व रिर्काड में खातेदारी दर्ज थी। दीपा राम नाई का वर्ष 1996 में देहान्त हो गया एवं उसकी मृत्यु के पश्चात् उसके वारिशान के रूप में उसकी पुत्री केंकू देवी के नाम खाते दारी दर्ज होनी थी लेकिन नामान्तरण भरते वक्त किसी कारणवश उसका नाम दर्ज होने रह गया। केंकू देवी द्वारा काफी प्रयास करने के बावजूद भी उसकी नाम राजस्व रिकार्ड के रूप में दर्ज नहीं हुआ। कंेकू देवी ने इस सम्बंध में उपायुक्त उपनिवेशन, जैसलमेर के समक्ष एक राजस्व अपील पेश की। यह अपील 21 नवम्बर 2013 से लम्बित थी।
श्रीमति कंेकू देवी व उसके पति रूपाराम को मोहनगढ में लगने वाले राजस्व लोक अदालत शिविर जानकारी लगी तो वे मोहनगढ पहुंचे एवं शिविर में पीठासीन अधिकारी व उपायुक्त उपनिवेशन, जैसलमेर गजेन्द्र सिंह चारण व तहसीलदार पीताम्बर राठी के समक्ष इस सम्बंध में प्रार्थना पत्र पेश किया। इन अधिकारीयों ने दीपाराम के सभी वारिशान यानि उसकी पुत्री केंकू देवी व दोनों भाईयों को मौके पर बुलाया गया एवं उन्हें कानून की स्थिति से अवगत कराया व समझाईस की कि वे आपसे में राजीनामा करले एवं वारिश के रूप में श्रीमति केंकू देवी का नाम रिकार्ड में दर्ज करावें। इससे केंकू देवी के दोनो भाई सहमत हो गए तो उसके नाम राजस्व रिकार्ड में नामान्करण मौके पर ही खोलने के आदेश जारी किये गए।
पीठासीन अधिकारी चारण ने उसके भाई बहनों की हुई सहमति एवं राजीनामें को शिविर में उपस्थित सभी लोगांे को जानकारी दी एवं श्रीमति केंकू देवी के नाम 14.11 बीघा भूमि का खातेदारी का अधिकार आदेश प्रदान किया व उसके नाम राजस्व रिकार्ड में अमल-दरामद करवाया। इस निर्णय की शिविर में उपस्थित सभी गा्रमीणों ने मुक्त कंठो से सराहना की। इस प्रकार श्रीमति कंेकू देवी को 19 वर्ष बाद उसके पिता की भूमि का खातेदारी अधिकार प्राप्त हुआ। केंकू देवी को इस राजस्व लोक अदालत में त्वरित न्याय मिला तो उसने जिला प्रशासन व राज्य सरकार के प्रति ऐसे शिविरों के आयोजन के लिए तहदिल से आभार जताया एवं कहा की ऐसे शिविरों से मेरे जैसी पात्र परिवार के सदस्य को अवश्य ही लाभ मिल रहा है।
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