निरीक्षण में खुली पोल नियमों पर खरे नहीं उतरने पर 77 पशु शिविर निरस्त
बाडमेर, 17 जून। जिले में अकाल के हालात के मद्देनजर राहत गतिविधियों के लिए स्वीकृत पशु शिविरों में 77 शिविर तय मानकों के अनुसार संचालित नहीं होने पर निरस्त कर दिए गए है।
जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि जिले में संचालित अकाल राहत गतिविधियों का समय-समय पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है। निरीक्षण में अनियमितता पाई जाने पर 77 पशु शिविरों की स्वीकृति निरस्त कर उनका भुगतान रोक दिया गया है। आपदा प्रबन्धन एवं सहायता विभाग के द्वारा जारी विभिन्न आदेशों के विरूद्ध इस कार्यालय द्वारा जिले में अभावग्रस्त क्षेत्रों से प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार पशु शिविर संचालन के विभिन्न आदेश जारी किए गये थे। आपदा प्रबन्धन एवं सहायता विभाग राजस्थान के दिशा निर्देशों की सभी सम्बन्धित पक्षों द्वारा पालना करने हेतु इस कार्यालय द्वारा संचालकों को सूचित कर दिया गया था। इस कार्यालय के द्वारा जिले में संचालित पशु शिविरों का सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार एवं अधीनस्थ कर्मचारियों के द्वारा आकस्मिक निरीक्षण के आदेश जारी किये गये। उक्त आदेश का पालना में सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार एवं अधीनस्थ कर्मचारियों के द्वारा आकस्मिक निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किये। प्राप्त निरीक्षण प्रतिवेदनों में पशु शिविरों में संचालक संस्था द्वारा इस कार्यालय के द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालना में अनियमितता पाई जाने पर निरीक्षण तिथि से शिविर संचालन की स्वीकृति निरस्त की जाती है तथा सम्बन्धित तहसीलदार इन निरस्त पशु शिविरों की संचालन संस्था के विरूद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवाही करना सुनिश्चित करेगें। सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारी शिविर निरस्त तिथि से पशु शिविर अनुदान भुगतान नही करना सुनिश्चित करेगंे। निरस्त शिविरों में तहसील रामसर में 4, तहसील सेड़वा में 9, तहसील शिव में 5, तहसील गडरारोड में 7 व तहसील चैहटन में 52 पशु शिविर शामिल है।
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