बाड़मेर। पुलिस थानों की हवालात में पुरूष मुल्जिमों के कपड़े उतार दिए जाते हैं। उन्हें चड्डी-बनियान में ही हवालात में रखा जाता है। बाड़मेर जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को मिली ऎसी शिकायतों पर न केवल उन्होंने थानों का निरीक्षण किया, बल्कि पुलिस अधीक्षक को आदेश भी दिए कि वे थानाधिकारियों को निर्देश दें कि इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो।
बाड़मेर निवासी परिवादी जगदीश गोलिया ने इस संबंध में रिपोर्ट पेश कर बताया था कि बाड़मेर जिले के प्रत्येक थाने में पुलिस द्वारा हवालात में पुरूष मुल्जिमानों के कपड़े उतरवाकर चड्डी-बनियान में रखा जाता है। सीजेएम बाड़मेर की ओर से 6 मई को पुलिस अधीक्षक को भेजे पत्र में कहा गया है कि उनके निरीक्षण के दौरान भी ऎसी शिकायतें सामने आई थी।
रिपोर्ट मांगी, नहीं दी
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अपने पत्र में कहा है कि उन्होंने 29 अप्रेल को पुलिस अधीक्षक कार्यालय को पत्र लिख इस संबंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी, जो अब तक नहीं मिली है। सीजेएम ने पत्र के जरिए इस संबंध में जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर को आदेशित किया है कि वे सभी थानाधिकारियों को निर्देश दें कि उक्त कार्य की पुनरावृत्ति नहीं हो। थानाधिकारियों का उक्त कृत्य मानव अधिकारों के विपरीत है। अत: इसकी पालना सुनिश्चित की जाएं।
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