शनिवार, 16 मई 2015

श्रीनगर हाईकोर्ट के टेस्ट में फेल हुआ टीचर, नहीं लिख पाया गाय पर निबंध

श्रीनगर  हाईकोर्ट के टेस्ट में फेल हुआ टीचर, नहीं लिख पाया गाय पर निबंध

टीचर बच्चों का भविष्य बनाते है क्योंकि उन्हें ज्ञान का भंडार माना जाता है। लेकिन जम्मू कश्मीर में ज्ञान का स्त्रोत गुरु ही अज्ञानी निकल गया। जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने एक टीचर की काबिलियत जानने के लिए आसान सी परीक्षा ली। लेकिन बच्चो को शिक्षा देने वाला टीचर खुद इस आसान सी परीक्षा में फेल हो गया।
टीचर को गाय पर निबंध लिखना नहीं आया जिसने शिक्षकों के स्तर का चिठ्ठा खोल दिया। जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि वह शिक्षा क्षेत्र की खामियों को दूर करने के लिए कदम उठाएं।
न्यायमूर्ति मुजफ्फर हुसैन अत्तर ने दक्षिण कश्मीर के एक स्कूल में मोहम्मद इमरान खान को रहबर-ए-तालीम (शिक्षा मार्गदर्शक) अध्यापक नियुक्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिए।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दिल्ली और नागालैंड की ग्लोबल ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किए गए खान के प्रमाण पत्र मान्यता प्राप्त नहीं है।
उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दिल्ली द्वारा जारी प्रमाण पत्र में दिखाया गया है कि खान को उर्दू में 74 प्रतिशत, अंग्रेजी में 73 प्रतिशत और गणित में 66 प्रतिशत अंक मिले हैं।
कोर्ट ने एक वरिष्ठ वकील से प्रतिवादी को अंग्रेजी से उर्दू और उर्दू से अंग्रेजी में अनुवाद के लिए एक आसान की पंक्ति देने को कहा लेकिन अध्यापक अनुवाद नहीं कर पाया। इसके बाद अध्यापक से उर्दू में गाय पर निबंध लिखने को कहा गया लेकिन वह ऐसा भी नहीं कर पाया।
उसने कोर्ट के कक्ष के बाहर निबंध लिखने की अनुमति मांगी जो उसे दे दी गई इसके बावजूद वह फेल हो गया। कोर्ट ने कहा, ऐसे में केवल अनुमान ही लगाया जा सकता है कि राज्य का भविष्य क्या होगा। कोर्ट ने सरकार से एक पैनल गठित करने को कहा जो गैर मान्यता प्राप्त अध्ययन केंद्रों से जारी डिग्रियों की जांच करेगा।

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