मसरत की गिरफ्तारी के बाद श्रीनगर में भड़की हिंसा, एक की मौत
जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में अलगाववादी नेता की गिरफ्तारी के बाद उसके कार्यकार्तओं ने शहर में फिर माहौल गर्मा दिया। इसे गिरफ्तार करने के बाद श्रीनगर में भारी हिंसा भड़क गई। हिंसककारियों ने रोड पर निकल कर पुलिस पर पथराव किया है। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने आसू गैस के गोले छोड़े। इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रध्वज जलाते हुए सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरबाजी कर दी और सुरक्षाकर्मियों के द्वारा कि गई फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
दरअसल कट्टरपंथी नेता मसरत आलम की गिरफ्तारी शुक्रवार को की गई थी। मसरत को मुफ्ती सरकार के आदेश के बाद शुक्रवार को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया है। जिसके बाद श्रीनगर में कई जगह हिंसक प्रदर्शन हुए। इस प्रदर्शन में दो पुलिसकर्मी समेत 14 लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि मुफ्ती सरकार ने गिलानी और मसरत को घर में नज़रबंद कर लिया था, जिसके बाद मसरत को शहीदगंज पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार किया।
गौरतलब है कि बुधवार को हुर्रियत कांफ्रेंस अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी की रैली में मसरत आलम ने पाकिस्तान के झंड़े फहराकर देश विरोधी नारे लगाए थे। इसके बाद केन्द्र सरकार ने मुफ्ती सरकार से मसरत को जल्द से जल्द गिरफ्तार कराने को कहा था। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिहं ने अपने बयान में इस पूरे प्रकरण पर नारागी जताई थी।
जम्मू-कश्मीर मुस्लिम लीग का प्रमुख और कट्टरपंथी नेता मसर्रत आलम 10 दिन पहले ही जेल से रिहा हुआ था। इससे पहले भी 2010 में कश्मीर में इस पत्थरबाजी का मास्टरमाइंड मसरत आलम राज्य में अशांति फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। श्रीनगर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मसर्रत को शुक्रवार सुबह शहर के हब्बाकदम इलाके स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया था।
जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में अलगाववादी नेता की गिरफ्तारी के बाद उसके कार्यकार्तओं ने शहर में फिर माहौल गर्मा दिया। इसे गिरफ्तार करने के बाद श्रीनगर में भारी हिंसा भड़क गई। हिंसककारियों ने रोड पर निकल कर पुलिस पर पथराव किया है। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने आसू गैस के गोले छोड़े। इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रध्वज जलाते हुए सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरबाजी कर दी और सुरक्षाकर्मियों के द्वारा कि गई फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
दरअसल कट्टरपंथी नेता मसरत आलम की गिरफ्तारी शुक्रवार को की गई थी। मसरत को मुफ्ती सरकार के आदेश के बाद शुक्रवार को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया है। जिसके बाद श्रीनगर में कई जगह हिंसक प्रदर्शन हुए। इस प्रदर्शन में दो पुलिसकर्मी समेत 14 लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि मुफ्ती सरकार ने गिलानी और मसरत को घर में नज़रबंद कर लिया था, जिसके बाद मसरत को शहीदगंज पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार किया।
गौरतलब है कि बुधवार को हुर्रियत कांफ्रेंस अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी की रैली में मसरत आलम ने पाकिस्तान के झंड़े फहराकर देश विरोधी नारे लगाए थे। इसके बाद केन्द्र सरकार ने मुफ्ती सरकार से मसरत को जल्द से जल्द गिरफ्तार कराने को कहा था। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिहं ने अपने बयान में इस पूरे प्रकरण पर नारागी जताई थी।
जम्मू-कश्मीर मुस्लिम लीग का प्रमुख और कट्टरपंथी नेता मसर्रत आलम 10 दिन पहले ही जेल से रिहा हुआ था। इससे पहले भी 2010 में कश्मीर में इस पत्थरबाजी का मास्टरमाइंड मसरत आलम राज्य में अशांति फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। श्रीनगर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मसर्रत को शुक्रवार सुबह शहर के हब्बाकदम इलाके स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया था।
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